UP News: जच्चा व बच्चा की जान से खेल रहे झोलाछाप, दो नवजात शिशुओं की मौत के बाद क्लीनिक सील
रहड़ा और आसपास के गांवों में झोलाछाप डॉक्टरों की सक्रियता से गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के जीवन खतरे में हैं। ओम बच्चा क्लीनिक में दो दिन में दो नवजात शिशुओं की मृत्यु हो गई जिसके बाद चिकित्सा अधीक्षक ने क्लीनिक को सील कर दिया है। परिजनों का आरोप है कि लापरवाही के कारण बच्चों की जान गई।
जागरण संवाददाता, रहरा। हसनपुर तहसील क्षेत्र के रहरा तथा उसके आसपास के गांवों में लंबे समय से झोलाछाप सक्रिय हैं। वह गर्भवती महिलाओं के डिलीवरी आपरेशन कर प्रसूताओं और नवजात बच्चों की जान से खेल रहे हैं। पिछले दो दिन में ओम बच्चा क्लीनिक रहरा में दो नवजात बच्चियों की जान चली गई। लेकिन, जिम्मेदार गहरी नींद में सोये हुए हैं।
गुरुवार को नवजात की मृत्यु होने पर परिवार के लोगों ने क्लीनिक पर हंगामा किया। सूचना मिलने पर रहरा के चिकित्सा अधीक्षक डा. शशांक चौधरी ने मौके पर पहुंचकर क्लीनिक सील कर दिया है। बुधवार को थाना आदमपुर के गांव मलकपुर मझरा मिर्जापुर जनूबी निवासी सचिन कुमार ने अपनी पत्नी रोशनी के प्रसव पीड़ा होने पर रहरई में स्थित मयंक अस्पताल में भर्ती कराया था।
तड़के चार बजे बड़े आपरेशन से प्रसूता ने बेटी को जन्म दिया। जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ्य थे लेकिन, बेटी की हालत नाजुक बताते हुए रहरा में ओम बच्चा क्लीनिक में भर्ती करा दिया। पिता सचिन का आरोप है कि दोपहर तक बच्ची सकुशल थी। इसके बाद उन्हें नींद आ गई।
कुछ समय बाद आंख खुली तो बताया कि बच्ची की मृत्यु हो गई है। नवजात की मृत्यु की सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने ओम बच्चा क्लीनिक पर हंगामा किया।
लोगों का कहना है कि मंगलवार को ग्राम रहरई निवासी राजेंद्र सिंह यादव की पत्नी कंचन देवी ने भी मयंक अस्पताल में बेटी को जन्म दिया था। जिसकी कुछ घंटों के बाद ओम बच्चा क्लीनिक में ही मृत्यु हो गई थी। लोगों का कहना है कि उक्त अस्पताल कई बार पहले भी जच्चा व बच्चों की मृत्यु होने पर सील किए जा चुके हैं लेकिन, कुछ दिन बाद ही सील हट जाती है।
रहरा में ओम बच्चा क्लीनिक पंजीकृत नहीं है। नवजात की मृत्यु की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर अस्पताल सील कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। - डा. शशांक चौधरी, चिकित्सा अधीक्षक रहरा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।