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    दिन भर श्रमिकों ने की मेहनत, रात में धराशायी हुआ गंगानगर पुल; गंगा के पानी से कट गई थी पुल की एप्रोच सड़क

    ज्योतिबाफुले नगर में गंगानगर पुल की एप्रोच सड़क गंगा के पानी से दोबारा कट गई जिससे यातायात बाधित हो गया। लोक निर्माण विभाग मरम्मत कार्य कर रहा है। हसनपुर में बाढ़ का पानी कम होने से किसानों को अपनी बर्बाद हुई फसलें दिखाई दे रही हैं जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है। सब्जी की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं और चारे की समस्या भी बनी हुई है।

    By Nitesh Srivastava Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Wed, 13 Aug 2025 08:56 PM (IST)
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    गंगानगर पुल की दोबारा कटी एप्रोच सड़क। जागरण

    संवाद सहयोगी, पतेई खादर (ज्योतिबाफुले नगर)। गंगानगर पुल की एप्रोच सड़क पर श्रमिकों ने मंगलवार को दिनभर मेहनत की। प्लास्टिक के बोरों में मिट्टी भरकर सड़क को ठीक करने का प्रयास किया। लेकिन रात में फिर से धराशायी हो गई, इससे आधी सड़क कट गई है। इसके चलते लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने सुरक्षा की दृष्टि से वाहनों का संचालन बंद करवा रखा है।

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    इस कारण अमरोहा और बुलंदशहर जनपदों का संपर्क इस मार्ग से कट गया है। गंगानगर पुल की साइडों में गाइड बंध न होने के कारण एप्रोच सड़क बार-बार कट रही है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने सुरक्षा की दृष्टि से वाहनों का संचालन बंद करा दिया है। इधर, बार-बार एप्रोच सड़क के कटने से क्षेत्रीय लोग भयभीत हो रहे हैं।

    पुल पर गंगानगर और आसपास के लोगों का जमावड़ा बुधवार की सुबह से ही लगा रहा। लोक निर्माण विभाग के उपखंड अधिकारी विजय कुमार मित्तल ने बताया कि एप्रोच सड़क की मरम्मत का कार्य जारी है।

    अब लोहे के जाल में प्लास्टिक के बोरों में मिट्टी भरकर रखी जा रही है ताकि गंगा की धारा से न बहे। जल्द ही सड़क की मरम्मत कर मार्ग पर वाहनों का संचालन शुरू कराया जाएगा।

    बाढ़ का पानी कम होते ही फसलों का हाल देख बेहाल किसान

    हसनपुर : पिछले कई दिनों से बाढ़ के पानी में डूबी फसलों से अब धीरे-धीरे पानी कम होने लगा है। किसानों के लिए बाढ़ के पानी की बर्बादी का मंजर देखना कठिन हो रहा है। सब्जी की जिन फसलों जैसे लौकी, करेला, भिंडी, तोरई, अरबी और टमाटर की खेती की गई थी, अब उनमें सड़ी हुई सब्जी की दुर्गंध फैल रही है।

    गंगा क्षेत्र में बाढ़ के पानी में सब्जी की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है, जिससे किसानों को आर्थिक हानि हुई है। धान, चारा और गन्ने की फसल में भी किसानों को नुकसान की आशंका है।  उधर, गंगा क्षेत्र के रास्तों में अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है, जिससे किसानों के सामने पशुओं का चारा खेतों से काटकर घर तक ले जाने की चुनौती बनी हुई है।

    किसान जान हथेली पर रखकर बैलगाड़ी और भैंसा बुग्गी से चारा काटकर ले जा रहे हैं। इस स्थिति ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं और उन्हें अपनी फसलों के नुकसान की चिंता सता रही है।