पुलआउट के लिए:::::::::लेखपालों के सहारे पंचायतों में तलाशे जाएंगे 262 तालाब
उत्तर प्रदेश सरकार लेखपालों की सहायता से पंचायतों में 262 तालाबों की खोज करेगी। इस पहल का उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ावा देना और भूजल स्तर को ऊपर उठाना है। तालाबों के माध्यम से वर्षा जल का संचयन किया जाएगा, जिससे सिंचाई और अन्य कार्यों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। यह सरकार के जल संरक्षण प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

जागरण संवाददाता, अमरोहा। राजस्व अभिलेखों के रिकार्ड में दर्ज 262 तालाबों को कर्मचारी तलाश नहीं पाए। अब उनको खोजने के लिए लेखपालों का सहारा लिया जाएगा। जल्द 500 तालाबों पर सफाई और खोदाई शुरू होगी। करीब चार करोड़ रुपये मनरेगा योजना से उन पर खर्च किए जाएंगे। वर्षा के बाद 918 तालाबों को कब्जामुक्त कराया जाएगा।
जनपद में भू-जलस्तर गिरता जा रहा है। स्थिति यह है कि अमरोहा, हसनपुर, गंगेश्वरी ब्लाक क्षेत्र सेमी क्रिटीकल श्रेणी में हैं। जबकि, धनौरा और गजरौला ब्लाक क्षेत्र क्रिटीकल श्रेणी में है। जोया ब्लाक और अमरोहा नगर क्षेत्र अतिदोहित श्रेणी में है। भूजल की इस भयावह तस्वीर को लेकर अधिकारी चिंतित हैं। जल संचयन के लिए प्रशासन ने जिलेभर में मिशन-500 शुरू करने का फैसला लिया है।
इसके लिए चारों तहसीलों में राजस्व रिकार्ड में दर्ज 2,300 तालाबों की सूची बनवाकर विकास विभाग को सौंपी गई थी। जिसके आधार पर अधिकारियों ने तालाबों के सर्वे का कार्य शुरू कराया है। अब तक 1,556 तालाबों का सर्वेक्षण हुआ है। जिसमें 918 तालाबों की जमीन पर लोगों का कब्जा है। 376 तालाबों पर किसी तरह का कब्जा नहीं है। 262 तालाब ऐसे हैं, जिन्हें, कर्मचारी ढूंढ नहीं पाए हैं। अब उन्हें खोजने के लिए लेखपालों का सहयोग लिया जाएगा। पंचायत सचिव और रोजगार सेवक क्षेत्रीय लेखपाल को साथ लेकर उनको तलाशने का कार्य करेंगे।
जल्द मिशन-500 शुरू होगा। इसके तहत 500 तालाबों की सफाई और खोदाई की जाएगी। जिन तालाबों को कर्मचारी नहीं तलाश पाए हैं, उनको राजस्व कर्मियों के सहयोग से ढूंढा जाएगा। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।- अश्वनी कुमार मिश्र, सीडीओ।
ब्लॉक - इन तालाब का नहीं हो सका चिह्नांकन
अमरोहा - 45
धनौरा- 102
गजरौला- 51
गंगेश्वरी- 18
हसनपुर- 0
जोया- 46
कुल- 262
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