Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    UP News : बीच हाइवे पर 15 मिनट तक चला बदमाश और गार्ड के बीच संघर्ष, न पुलिस पहुंची न और लोगों ने की मदद

    Updated: Mon, 04 Nov 2024 07:21 PM (IST)

    UP News दरअसल जिस स्थान पर घटना हुई है वो भानपुर रेलवे फाटक के पास अंडरपास के नजदीक ही है। अंडरपास में कई ठेले भी लगते हैं। अमूमन यहां पर भीड़भाड़ भी रहती है। जब फाटक बंद रहते हैं तो काफी संख्या में लोग वहां रुके रहते हैं। लेकिन सोमवार को जिस समय घटना हुई। उस समय फाटक बंद नहीं थे।

    Hero Image
    पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    जागरण संवाददाता, गजरौला : लूटपाट करने वाले बदमाशों को न तो पुलिस का डर था और न ही पब्लिक का खौफ। यही वजह है कि दस से 15 मिनट तक बदमाश और सिक्योरिटी गार्ड के बीच संघर्ष चला। इस अंतराल में मौके पर न तो पुलिस पहुंची और न ही वहां से गुजरने वाले किसी भी व्यक्ति ने मदद का प्रयास किया। नतीजन, बदमाश घटना करने में सफल हो गए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घटना के समय फाटक नहीं था बंद

    दरअसल, जिस स्थान पर घटना हुई है वो, भानपुर रेलवे फाटक के पास अंडरपास के नजदीक ही है। अंडरपास में कई ठेले भी लगते हैं। अमूमन यहां पर भीड़भाड़ भी रहती है। जब फाटक बंद रहते हैं तो काफी संख्या में लोग वहां रुके रहते हैं। लेकिन, सोमवार को जिस समय घटना हुई। उस समय फाटक बंद नहीं थे। सिक्योरिटी गार्ड ने दैनिक जागरण से घटना के बारे में बताया कि वह बाइक पर पीछे बैठे थे और कैशियर बाइक चला था।

    सत्संग भवन से कुछ आगे निकलने पर तीन युवक नकाबपोश खड़े थे। अपाचे बाइक थी। बताया कि जैसे ही हम लोग नजदीक पहुंचे तो उन्होंने रोकते हुए चाबी निकाल ली। फिर बैग पर झपट्टा मारा। दो बदमाशों ने कैशियर को डरा लिया और एक मुझपर हमलावर हो गया। पेेचकस से शरीर पर कई वार किए।

    एक वार में पेचकस हाथ में फंस गया। फिर बचाव के लिए मैंने फायरिंग की। शायद, बदमाश के पैर में गोली लगी भी। तकरीबन दस से 15 मिनट तक यूं ही संघर्ष चलता रहा। लोग सड़क पर देखते हुए जा रहे थे मगर, किसी ने भी मदद नहीं की। पुलिस भी इस दरमियान नहीं पहुंची। जबकि भानपुर रेलवे फाटक एक ड्यूटी प्वाइंट भी है। शायद, पुलिस या फिर अन्य लोग वहां पहुंच जाते तो बदमाश पकड़े जा सकते थे।

    नियमों का पालन, न कर रहे जीवन की परवाह

    शाहजहांपुर : वाहन चलाते समय यातायात नियमों की अनदेखी भी सड़क हादसों का एक बड़ा कारण हैं। यहां यातायात का नियम वाहन चालकों की मनमर्जी पर निर्भर करता हैं। एक बाइक पर तीन सवारी बैठाना व बिना हेलमेट के बाइक चलाना आम बात हो गई है। 24 घंटे के अंदर पांच से अधिक लोगों की अलग-अलग हादसों में जान चली गईं, जिसमे लगभग सभी नियमों की अनदेखी कर वाहन चला रहे थे।

    सोमवार को कांट के रसकूपा बहादुरपुर गांव के पास बस की टक्कर लगने से लखीमपुर के मोहम्मदी क्षेत्र के बेहटी गांव निवासी आफताब व हरदोई के बेहटा गोकुल क्षेत्र के भदौना गांव निवासी रईस की मृत्यु हो गई। पुलिस के मुताबिक दोनों हेलमेट नहीं लगाए थे। जबकि मदनापुर क्षेत्र में दो बाइकों की आमने-सामने भिड़ंत हो गई।

    जिसमें जलालाबाद क्षेत्र के मनोरथपुर सहसोबारी गांव निवासी संजीव की जान चली गई। दोनों बाइकों पर तीन-तीन लोग बैठकर जा रहे थे। इसी तरह अन्य हादसों में मरने वाले भी नियमों की अनदेखी कर वाहन चला रहे थे। यह स्थिति तब है जब एक नवंबर से यातायात जागरूकता माह शुरू किया गया है।

    डीएम व एसपी ने हेलमेट बांटकर लोगों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित भी किया लेकिन उसके बाद भी लोग न नियमों का पालन कर रहे हैं और न ही अपने व अपने स्वजन के जीवन की परवाह कर रहे। यातायात पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारी भी जागरूकता के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर शांत बैठ जाते हैं। बता दें हादसों में हर माह औसतन 20 से अधिक लोगों की जान जा रही है। जिसमे अधिकांश मरने वाले हेलमेट नहीं लगाए होते हैं।