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    जल निगम की फर्जी रसीद बुक छापकर ट्यूबवेल ऑपरेटर ने वसूल डाले 5 लाख, ऐसे हुआ खुलासा

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 06:15 AM (IST)

    अमरोहा के गजरौला इलाके के गांव चकनवाला में ट्यूबवेल आपरेटर ने जल निगम की फर्जी रसीद बुक बनाकर दो साल में ग्रामीणों से टैक्स दिखाते हुए 5 लाख रुप ...और पढ़ें

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    आसिफ अली, अमरोहा। जल निगम की फर्जी रसीद बुक छापकर ट्यूबवेल आपरेटर ने दो वर्ष में टैक्स दिखाते हुए ग्रामीणों से पांच लाख रुपये वसूल लिए। अमरोहा के गजरौला में गांव चकनवाला की इस घटना का राजफाश सूचना का अधिकार (आरटीआइ) से हुआ। पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली। इसके बाद न्यायालय ने ट्यूबवेल आपरेटर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।अमरोहा के गांव चकनवाला में वर्ष 2018 के दौरान पानी की टंकी बनवाकर पाइप लाइन बिछवाई गई।

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    गांव में 500 कनेक्शन भी दिए। ट्यूबवेल पर आपरेटर नरेश कुमार ने कनेक्शनधारकों से कर के रूप में वसूली शुरू कर दी। इसके लिए बाकायदा उप्र जल निगम (निर्माण खंड) के अधिशासी अभियंता के नाम से रसीद काटकर देने लगा। प्रत्येक ग्रामीण के नाम से बतौर सालाना कर 2000 रुपये की रसीद काटी। गांव के ही प्रतपाल उर्फ प्रथे को भी 19 मार्च 2025 को दो हजार रुपये की रसीद की गई।

    एक्सईएन जल निगम से आरटीआइ के जरिये मांगी जानकारी

    प्रतपाल ने जून 2025 में इस बाबत एक्सईएन जल निगम से आरटीआइ के जरिये जानकारी मांगी। पता चला कि उन्होंने कोई रसीद बुक जारी नहीं की है। मामले में थाना स्तर पर सुनवाई नहीं हुई और न विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया। इस पर प्रतपाल ने रसीद व आरटीआइ के साथ अधिवक्ता मोहन सिंह के माध्यम से अदालत की शरण ली। सुनवाई करते हुए न्यायालय ने गजरौला पुलिस को आरोपित आपरेटर नरेश सिंह के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।

    चकनवाला की ग्राम प्रधान लज्जा देवी ने बताया कि उनके गांव में कनेक्शनधारकों से 50 रुपये प्रतिमाह कर लेना निर्धारित किया गया है। यह वार्षिक 600 रुपये बैठता है। आपरेटर कितने पैसे वसूल कर रहा है, इसकी जानकारी नहीं है। न ही उसके द्वारा ग्राम निधि में कोई शुल्क जमा कराया गया है। एक्सईएन चंद्रहास ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी।

    वैसे कनेक्शनधारक अब ग्राम निधि में आनलाइन टैक्स भी जमा कर सकते हैं। यह है नियम : पेयजल संबंधी किसी भी योजना के तहत शासन की ओर से कनेक्शन धारक से 50 रुपये का कर वसूला जाता है। इस योजना का संचालन ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है। ग्राम पंचायत ट्यूबवेल व पाइप लाइन की मरम्मत के लिए कनेक्शनधारक से यह वार्षिक कर लेती है।