विकास कार्यों में धांधली पर डीएम निधि गुप्ता वत्स की कार्रवाई, तत्कालीन 39 प्रधानों व सचिवों को वसूली के नोटिस
अमरोहा जिले में विकास कार्यों के नाम पर खर्च की गई धनराशि का हिसाब न देने पर 39 प्रधानों और सचिवों को डीएम ने वसूली का नोटिस जारी किया है। वर्ष 2018-19 के ऑडिट में यह गड़बड़ी सामने आई थी जिसमें पाया गया कि निर्माण कार्यों में खर्च की गई धनराशि के अभिलेख जमा नहीं किए गए। ऑडिटर ने इसे धनराशि का दुरुपयोग माना है।

जागरण संवाददाता, अमरोहा। विकास कार्यों के नाम पर जमकर धनराशि खर्च की लेकिन, उसके व्यय के पूरे अभिलेख जमा नहीं किये। बार-बार चेताने के बाद भी ध्यान नहीं दिया। अब पंचायतों के ऑडिट में मामला पकड़ा गया है। ऑडिटर ने धनराशि को अपहरण व दुरुपयोग माना है और प्रधान व सचिव से उसको ब्याज सहित जमा कराने के लिए कहा है।
ऑडिट आपत्तियों का मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम निधि गुप्ता वत्स ने 39 तत्कालीन प्रधानों व सचिवों से वसूली का नोटिस जारी कर दिया है। सभी से करीब 72,90, लाख रुपये की धनराशि वसूली जाएगी। इसमें आधी धनराशि सचिव व आधी प्रधान से वसूलने की कार्रवाई होगी।
वर्ष 2018-19 के ऑडिट में पकड़ी गई थी गड़बड़ी, ऑडिटर ने लगाई थी आपत्ति
कुछ दिन पहले जिला लेखा परीक्षाधिकारी सहकारी समितियों एवं पंचायतें के जनपद लेखा परीक्षक ने 39 ग्राम पंचायतों के वित्तीय वर्ष 2018-19 में हुए निर्माण कार्यों का ऑडिट किया था। जिसमें सामने आया था कि धनराशि निर्माण कार्यों में खर्च की गई लेकिन, उसके व्यय से संबंधित अभिलेख पूरे जमा नहीं किए गए। ऑडिट ने आपत्ति लगाते हुए पंचायती राज विभाग को निर्देशित किया था कि प्रकरणों से संबंधित आपत्तियों को दूर कराया जाए।
मामला संज्ञान में आने पर डीएम निधि गुप्ता ने जारी किए धनराशि वसूली के नोटिस
इस पर विभाग ने संबंधितों को नोटिस जारी किए थे लेकिन, किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। सभी को अंतिम नोटिस भी जारी किया गया था, उसके बाद भी किसी ने आपत्तियों का निस्तारण नहीं कराया। अब प्रशासन ने तत्कालीन 39 प्रधानों व सचिवों को वसूली नोटिस जारी कर दिए हैं। जिससे विभाग के अलावा प्रधानों में खलबली मच गई है। यह नोटिस डीएम की तरफ से जारी कराए गए हैं। सचिवों के वेतन से धनराशि की वसूली कर ग्राम पंचायतों के खातों में जमा कराने के लिए कहा गया है।
इन ग्राम पंचायतों के 39 तत्कालीन प्रधानों को जारी हुए वसूली नोटिस
ग्राम पंचायत बाला नांगल की प्रधान सावित्री देवी, जलालपुर खुर्द के अरवेंद्र, लुहारी भूड़ के अकेशपाल, फैयाजनगर के केहर सिंह, चकूनी के देवेंद्र कुमार शर्मा, चमरपतेई के महेंद्र, पीपली मेघचंद के गजेंद्र, सूमाठेर के विजयपाल, घरौंट के कावेंद्र, ईशापुर शर्की के निगम सिंह, भदौरा के मेहरबान सिंह राणा, दीपपुर की ममता देवी, मछरई की अतरो, तुगलकाबाद के राम सिंह, बहापुर की मुन्नी देवी, कूबी की मुकेश रानी, अल्लीपुर भूड़ शर्की की वकीलन।
रझेड़ा बहादुरपुर की मधु, झुंडी माफी की विमला, सब्दलपुर शर्की के कृपाल सिंह, बिजनौरा की सुनीता, ढक्का की हबीबा शहरोज, कपसुआ के देवेंद्र, वसी मुस्तकम के जैको, सोडाला फरीदपुर की साहबदेई, मलेशिया के महावीर सिंह, चौहड़पुर बगद के पवन कुमार, कैसरा के सोमपाल, सिहाली नरायन के जयपाल, कलामपुर के अजय कुमार, गालिबबाड़ा के अनुज, खेड़ा की अनीसा, दबका के बब्बू, फंदेड़ी की इरशाद फात्मा, देहरा घनश्याम की सीमा देवी, हाशमपुर बुजुर्ग की इंद्रावती, बहलाेलपुर की गायत्री देवी, सूबरा की जयदेई, ढबारसी की पारूल।
तत्कालीन सचिवों के वेतन से शुरू की गई वसूली
पंचायती राज विभाग ने 21 पंचायतों के तत्कालीन सचिवों के वेतन से आधी धनराशि की वसूली शुरू कर दी है। जबकि, तीन सचिवों को आलोक वर्मा, कुलदीप सिंह, भूपेंद्र कश्यप को वसूली का नोटिस भिजवा दिया है। अन्य के खातों से धनराशि काटनी शुरू कर दी है।
39 पंचायतों के निर्माण कार्यों के ऑडिट में धनराशि दुरुपयोग व अपहरण का मामला पकड़ा गया था। नोटिस देने के बाद भी तत्कालीन सचिवों व प्रधानों ने ऑडिट आपत्तियों का निस्तारण नहीं कराया था। अब उनसे धनराशि की वसूली के लिए जिलाधिकारी द्वारा नोटिस जारी किए गए हैं। आधी धनराशि सचिव जमा करेंगेे और आधी प्रधान। यदि नहीं करेंगे तो उनकी आरसी जारी की जाएगी। पारूल सिसौदिया, डीपीआरओ
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