यूपी के इस जिले में चेहरा स्कैन कर मनरेगा मजदूरों की लगेगी हाजिरी, 1.28 लाख होगी E-KYC
अमरोहा में मनरेगा मजदूरों की हाजिरी अब चेहरा स्कैन से होगी। 1.28 लाख मजदूरों की ई-केवाईसी की जा रही है, जिनमें से 57,343 की हो चुकी है। एनएमएमएस एप्लीकेशन से हाजिरी में पारदर्शिता आएगी और फर्जी हाजिरी पर रोक लगेगी। आधार अपडेट न होने पर मजदूर निष्क्रिय माने जाएंगे।

जागरण संवाददाता, अमरोहा। ग्राम पंचायतों में मनरेगा मजदूरों की हाजिरी चेहरा स्कैन कर दर्ज की जाएगी। इसके लिए चेहरा स्कैन आधारित ई-केवाईसी (इलेक्ट्रानिक नो योर कस्टमर) प्रकि्रया शुरू की गई है। जनपद में 1,28,387 मजदूरों की ई-केवाईसी होगी। जिनमें से 57,343 मजदूरों की ई-केवाईसी हो चुकी है। जबकि, अन्य पर काम चल रहा है। 29.09 प्रतिशत ई-केवाईसी कराकर जनपद प्रदेश में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।
जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या 576 है। इनमें मनरेगा जाब कार्डधारकों की संख्या 1,98,296 है लेकिन, उनमें से 69,908 मजदूर ऐसे हैं जिन्होंने पिछले चार साल से मनरेगा योजना के तहत पंचायतों में कोई काम नहीं किया है। इन मजदूरों को निष्क्रिय की श्रेणी में रखा गया है। जबकि, 1,28,387 मजदूर लगातार मनरेगा के तहत रोजगार पाकर काम करते आ रहे हैं।
इनको सकि्रय श्रेणी में रखा गया है। उनके खातों में भी मजदूरी गई है और मजदूरों ने उसको निकाला है। यह मनरेगा पोर्टल पर दर्ज है। पिछले करीब 20 दिन से रोजगार सेवक और मनरेगा मैट सकि्रय मजदूरों की पहचान, फोटो, आधार विवरण जुटाकर एनएमएमएस (नेशनल मोबाइल मानीटरिंग सिस्टम) एप्लीकेशन पर अपलोड कर रहे हैं।
यह एप्लीकेशन पहले भी उपयोग में लाया जाता था लेकिन, अब उसमें चेहरा स्कैन और जियो लोकेशन जैसी उन्नत सुविधाएं जोड़ी गई हैं। इस प्रकि्रया में जब कोई भी मजदूर कार्यस्थल पर उपस्थिति दर्ज करवाएगा तो उसकी लोकेशन स्वत: ही दर्ज होगी और चेहरा स्कैन होने के बाद ही हाजिरी स्वीकार की जाएगी। इस तकनीक के जरिए मनरेगा में फर्जी उपस्थिति पर अंकुश लगेगा।
सके लिए सभी मजदूरों की आधार आधारित व चेहरा स्कैन ई-केवाईसी जरूरी है। जनपद में मजदूरों की ई-केवाईसी का कार्य चल रहा है। 57,343 मजदूरों की ई-केवाईसी हो चुकी है जो लक्ष्य का 29.09 प्रतिशत है। इसके जरिए ही जिला प्रदेश में पांचवें नंबर पर है।
जिनकी फोटो नहीं खाएगी मेल, उनको माना जाएगा निष्क्रिय
जिन मनरेगा मजदूरों ने अपना आधार अपडेट नहीं कराया है या फिर निजी फोटो पुराने आधार से मेल नहीं खाती है, उनको आगे सकि्रय मजदूर की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। इसलिए मजदूर उनको अपडेट अवश्य करवा लें।
सभी पंचायतों में मजदूरों की चेहरा स्कैन ई-केवाईसी कराने का कार्य चल रहा है। 57,343 सकि्रय मजदूरों का डाटा अपडेट किया जा चुका है। चेहरा स्कैन की तकनीक से मनरेगा योजना में और पारदर्शिता आएगी। पिछले तीन साल के सकि्रय मजदूरों का डाटा अपडेट हो रहा है। जो निष्क्रिय हैं, उनकी ई-केवाईसी नहीं की जा रही है। इस मामले में जिला प्रदेश में पांचवें स्थान पर है।-अम्बरीश कुमार, पीडी डीआरडीए/डीसी मनरेगा।

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