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    अमरोहा में दिल्ली नारकोटिक्स ने दो बार की छापामारी, नशीली दवा के सौदागरों का नहीं मिला कोई सुराग

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 05:24 PM (IST)

    अमरोहा के कस्बा जोया में नशीली दवाओं के सौदागरों की तलाश जारी है। दिल्ली नारकोटिक्स टीम ने दो बार छापेमारी की, लेकिन मेडिकल स्टोर बंद मिले। हिमाचल प्र ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, अमरोहा। नशीली दवाओं और कारोबारियों की तलाश में दिल्ली की नारकोटिक्स टीम ने भी कस्बा जोया में दो बार छापा मारा था लेकिन, दोनों ही बार उसको मेडिकल स्टोर बंद मिले थे और संचालकों का भी कोई सुराग नहीं लगा था। जिसकी वजह से खपत का राज अधूरा रह गया।

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    उनकी गिरफ्तारी के बाद ही नशीली दवाओं की खपत की असली तस्वीर स्पष्ट हो पाती। फिलहाल, औषधि विभाग ने सहायक आयुक्त मुरादाबाद को दोनों मेडिकल स्टोर के लाइसेंस निरस्तीकरण की रिपोर्ट भेज दी है। उनके आदेश पर अगला कदम उठाया जाएगा।

    हिमाचल प्रदेश में नशे की दवाओं के पकड़े जाने का कनेक्शन अमरोहा जनपद के कस्बा से जुड़ चुका है। नशीली टेबलेट कोविटाडोल-100 एसआर की निर्माता कंपनी पीबी लाइफ साइंसेज सोलन बद्दी हिमाचल प्रदेश ने टेबलेट के 490 पत्ते मैसर्स एएस फार्मा व 507 मैसर्स केयर मेडिकोज स्थित मुहल्ला चौधरियान वार्ड दो कस्बा जोया जिला अमरोहा को विक्रय किए थे।

    ऊना औषधि निरीक्षक की सूचना के बाद स्थानीय औषधि निरीक्षक रूचि बंसल ने जांच पड़ताल शुरू कर दी थी। मैसर्स केयर मेडिकोज फर्म स्वामी को उनके आधारकार्ड पर अंकित नाम व पते गगनदीप पुत्र नरेंद्र पाल निवासी डी-353 पीरागढ़ी कैंप शकूर बस्ती, डिपो उत्तर पश्चिम दिल्ली-110056 व फर्म मैसर्स ए.एस. फार्मा के स्वामी आदित्य कुमार गिरी पुत्र उमेश गिरी निवासी प्रथमेश आर्केड, फ्लैट नंबर 203,प्लाट नंबर 202, सेक्टर तीन, उलवे, पनवेल रायगढ़ महाराष्ट्र,410206 पर नोटिस भेजा था लेकिन, कोई जवाब नहीं मिला था।

    दिल्ली से नारकोटिक्स की टीम ने दोनों मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की थी। पहले सितंबर और दूसरी अक्टूबर माह में छापा मारा था लेकिन, उसका दांव दोनों बार ही खाली गया।

    आशंका जताई गई कि हिमाचल में दवाईयों की खेप पकड़े जाने की भनक लगते ही दोनों संचालक मेडिकल स्टोर बंद कर फरार हो गए। दुकान मालिक ने पूछताछ में चार माह से मेडिकल बंद होने की बात औषधि निरीक्षक को बताई। अब औषधि विभाग ने दोनों मेडिकल स्टोर के लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति कर रिपोर्ट सहायक आयुक्त औषधि को भेज दी है।

    दोनों मेडिकल स्टोर पर कारण बताओ नोटिस चस्पा कर दिया गया था। इसके बाद भी कोई जवाब नहीं मिला है। इसलिए अब उनके लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई चल रही है। सहायक आयुक्त को रिपोर्ट भेज दी गई है। उनके द्वारा ही मामले में कदम उठाया जाएगा।
    रूचि बंसल, निरीक्षक औषधि विभाग