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    हसनपुर में चकबंदी के नाम पर किसानों से वसूले करोड़ों रुपये, शासन से आई टीम ने शुरू की जांच

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 02:24 PM (IST)

    अमरोहा के हसनपुर में चकबंदी के नाम पर किसानों से रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। एंटी करप्शन टीम ने एक लेखपाल को गिरफ्तार किया था। पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य की शिकायत पर चकबंदी आयुक्त ने जांच टीम भेजी। किसानों ने अधिकारियों पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया और पैसे वापस दिलाने की मांग की। जिलाधिकारी से भी शिकायत की गई है।

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    जागरण संवाददाता, अमरोहा। हसनपुर तहसील क्षेत्र के जेबड़ा एतमाली गांव में चकबंदी के नाम पर किसानों से करोड़ों रुपये की रिश्वत वसूलने का आरोप चकबंदी विभाग के अधिकारियों पर लगा है। पिछले माह एंटी करप्शन की टीम ने चकबंदी लेखपाल उत्तम बालियान को इसी गांव के किसान से चकबंदी के नाम पर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 

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    उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के निवर्तमान सदस्य चंद्रपाल खड़गवंशी ने मामला संज्ञान में आने पर 30 सितंबर को लखनऊ पहुंचकर चकबंदी आयुक्त से लिखित में शिकायत की थी। चकबंदी आयुक्त के निर्देश पर तीन सदस्यीय अधिकारियों की टीम शासन स्तर से शुक्रवार को जांच के लिए गांव पहुंची।

    टीम ने सीओ चकबंदी पंकज कुमार, एसीओ राजकुमार तथा कानून को लेखपाल के साथ गांव पहुंचकर किसानों के बयान दर्ज किए हैं। लखनऊ से आए अधिकारियों को 31 किसानों ने 13 लाख 75 हजार की रिश्वत दिए जाने का आरोप लगाते हुए अपने शपथ पत्र दिए हैं।

    हालांकि, सभी किसानों को सूचना नहीं होने की वजह से बाकी पीड़ित किसान टीम के सामने अपने बयान दर्ज नहीं कर पाए। उल्लेखनीय है कि गांव में चकबंदी प्रक्रिया दो साल पहले शुरू हुई थी। चकबंदी टीम ने गांव का रिकार्ड मिलने पर पहले सर्वे किया। इसके बाद किसानों को नक्शा पांच बनाकर जारी किया था।

    इसके बाद नक्शा 23 वितरित करने पर किसानों को चकबंदी में धांधली होने की सूचना मिली। अपनी भूमि पूरी कराने और अच्छे चक के लालच में किसानों ने लेखपाल, कानूनगो, एसीओ एवं सीओ स्तर के अधिकारियों को खूब भलाई खिलाते गए। लेकिन, नक्शा 23 में मूलजोत पर चक नहीं होने, एक-एक किसान के चार-चार चक बनाने, अनेकों किसानों की भूमि की कीमत नहीं लगाकर उन्हें चकबंदी से बाहर करने जैसी समस्याएं सामने आने पर किसानों ने रिश्वत लेकर भी काम में करने का राज खोला है।

    टीम के सामने किसानों ने चकबंदी अधिकारियों द्वारा ली गई रिश्वत को वापस दिलाने की मांग की है। इसी गांव निवासी पिछड़ा वर्ग आयोग के निवर्तमान सदस्य एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्रपाल खड़गवंशी ने जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स से भी पूरे मामले की शिकायत की है। एसडीएम पुष्कर नाथ चौधरी ने बताया कि लखनऊ से आई टीम किसानों के आरोपों की जांच कर रही है। जांच के बाद टीम अपनी रिपोर्ट चकबंदी आयुक्त को सौंपेगी।