छह महीने में तीन गुना राजस्व संग बढ़ा शहरी विकास
अमरोहा : अवैध भवन निर्माण के नाम पर आम लोगों के उत्पीड़न के खेल पर काफी हद तक लगाम लग गई है। पिछले छह
अमरोहा : अवैध भवन निर्माण के नाम पर आम लोगों के उत्पीड़न के खेल पर काफी हद तक लगाम लग गई है। पिछले छह माह में भवन निर्माण को स्वीकृत मानचित्रों के साथ ही राजस्व में भी तीन गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। यह भी उल्लेखनीय है कि बिना मानचित्र के बनने वाले अवैध निर्माण पर कार्रवाई भी तीन गुना बढ़ गई।
अमरोहा तहसील क्षेत्र में रहने वाले लोगों को जिदगी भर की कमाई जोड़कर मकान बनाना भारी पड़ रहा था। जैसे ही उनका मकान लिटर तक पहुंचता था, विनियमित क्षेत्र से अवैध निर्माण का नोटिस पहुंच जाता था। इस नोटिस का खौफ दिखाकर कुछ कर्मचारी नियमित रूप से आर्थिक व मानसिक शोषण करते रहते थे। इससे न सिर्फ राजस्व को बड़ा चूना लग रहा था बल्कि अवैध निर्माण को भी बढ़ावा मिल रहा था। विनियमित क्षेत्र में तैनात कुछ अदने से कर्मचारी भी लग्जरी गाड़ियों के साथ नैनीताल में कई महंगे फ्लैट्स के मालिक बन गए।
पिछले साल जुलाई में तहसील की बागडोर बतौर एसडीएम शशांक चौधरी को सौंपी गई। जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने विनियमित क्षेत्र में चल रही लूटखसोट को प्राथमिकता के साथ दूर करने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी। उस दौरान 15 से 20 वर्ष पुराने भवन निर्माण के नक्शे भी लंबित थे। सैकड़ों भवन स्वामियों के प्रकरण का निस्तारण करने के बजाय उन्हें वर्षों से नोटिस जारी किए जा रहे थे। एसडीएम ने ऐसी फाइलों के साथ ही भवन निर्माण के नक्शों के लंबित मामलों का तत्काल निस्तारण करने के निर्देश दिए। जिन लोगों के आवेदन लंबित थे उन्हें सीधे बुलाकर तत्काल सुनवाई की। कमियों को दूर कराकर नक्शे पास कराए। जिनके नक्शे पास होने लायक नहीं थे, उन्हें निरस्त करने में भी देर नहीं की।
इसके चलते मानचित्र स्वीकृत होने की रफ्तार में तीन गुना वृद्धि हो गई। साथ ही राजस्व भी तीन गुना तक बढ़ गया जिन लोगों ने अवैध निर्माण कराया था, उनके खिलाफ कार्रवाई का आंकड़ा भी तीन गुना हो गया।
40 लाख के बजाय जमा कराया 1.30 करोड़ राजस्व
अमरोहा : एक जुलाई 2019 से 31 दिसंबर 2019 तक विनियमित क्षेत्र में कुल राजस्व 40,68,244 रुपये जमा हुआ था। एसडीएम शशांक चौधरी ने अपने कार्यकाल में एक जुलाई 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक 1,30,18,517 रुपये राजस्व जमा कराया। इसी तरह अवैध निर्माण के खिलाफ की गईं पांच कार्रवाई के बजाय 14 और भवन मानचित्र 94 के बजाय 151 स्वीकृत किए गए। अभी भी जिन लोगों के मानचित्र लंबित हैं, वह सीधे उनसे मिलकर तत्काल फाइल का निस्तारण करा सकते हैं। बिना अनुमति कोई निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।
शशांक चौधरी, एसडीएम सदर, अमरोहा।