दो साल की बच्ची की बाल्टी में डूबने से मौत: बच्चों पर रखिएगा नजर, थोड़ी सी चूक पड़ सकती है भारी
खेलते समय दो साल की बच्ची यतिका पानी से भरी बाल्टी में गिर गई और डूबने से उसकी मौत हो गई। घटना के समय बच्ची की माँ घर के अंदर काम कर रही थी। बड़ी बहन ने उसे बाल्टी में देखा और शोर मचाया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। परिजनों ने बिना पुलिस को खबर किए अंतिम संस्कार कर दिया।

संवाद सहयोगी, हसनपुर/अमरोहा। खेलते समय दो वर्षीय मासूम बच्ची की पानी से भरी बाल्टी में गिरकर मौत हो गई। घटना के वक्त उसकी मां कमरे में काम कर रही थी। घटना का पता चलते ही आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई। परिवार में चीत्कार मच गई। बाद में स्वजन ने पुलिस को जानकारी दिए बिना शव का अंतिम संस्कार कर दिया है।
थाना सैद नंगली के कस्बा उझारी के मुहल्ला मंसूरपुर निवासी रामनिवास सैनी का परिवार रहता है। उनकी दो वर्षीय बेटी यतिका रविवार की दोपहर करीब 12 बजे घर के आंगन में रखी एक पानी भरी बाल्टी के पास खेल रही थी। इस दौरान बच्ची ने उस बाल्टी से पानी निकलाने का प्रयास किया ताे वह उसी में गिर गई।
बड़ी बेटी के शोर मचाने पर दौड़ी मां ने मासूम को बाल्टी से बाहर निकाला
काफी देर तक वह बाल्टी में पड़ी रही और उसकी मृत्यु हो गई। घटना की जानकारी उस समय हुई जब, यतिका की पांच वर्षीय बड़ी बहन तृषा ने उसे बाल्टी में गिरा हुआ देखा और शोर मचाया। जिसे सुनते ही मां विशाखा भागकर आईं और बच्ची को बाल्टी से बाहर निकाला लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
उझारी के मुहल्ला मंसूरपुर में हुई घटना
मासूम यतिका की सांसें थम चुकी थीं। इस हृदयविदारक घटना से परिवार और पूरे मोहल्ले में मातम पसरा है। घटना के दौरान बच्ची की मां विशाखा किसी काम से कमरे में थीं। थानाध्यक्ष विकास सहरावत ने बताया कि इस संबंध में कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई है।
बरतें ये सावधानियां
- बच्चों को पानी के पास या पानी में कभी भी अकेला न छोड़ें, भले ही पानी कुछ इंच गहरा ही क्यों न हो।
- छोटे बच्चे डूबने के संकेतों को पहचान नहीं सकते या तुरंत मदद नहीं मांग सकते, इसलिए उनकी लगातार निगरानी आवश्यक है।
- खाली की हुई बाल्टियों और खाली कंटेनरों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें या उन्हें उल्टा करके रखें।
- बच्चों व शिशुओं का सिर शरीर के अनुपात में बड़ा होता है, इसलिए वे आसानी से पानी से भरी बाल्टी में सिर के बल झुक सकते हैं और खुद को बाहर नहीं निकाल पाते हैं।
- पानी से खेलने के बाद सतह को सुखाकर गीली और फिसलने वाली सतहों को सुरक्षित बनाएं।
- सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा बाल्टी में खेलने के दौरान खुद को सुरक्षित रख सके और उसे हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीने को दें।
- पानी से जुड़े खेलों में आपातकालीन स्थिति के लिए प्राथमिक उपचार किट और सीपीआर का ज्ञान होना चाहिए।
बच्चों पर रखिएगा नजर, थोड़ी सी चूक पड़ सकती है भारी
गजरौला। अभिभावकों की जरा सी चूक से बच्चों की जिंदगी पर बन आती है। उझारी में ऐसी ही घटना हुई है। इससे पहले भी कई मामले सामने चुके हैं। गजरौला थाना क्षेत्र के गांव सलेमपुर गोसाई में भी एक बच्चे की सब्जी के भगोने में गिरकर मौत हो गई थी। इसलिए बच्चों को कभी अकेला न छोड़ें और लगातार निगरानी करते रहे।
स्थानीय सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह बताते हैं कि पानी की बाल्टी के पास बच्चों को खेलते समय लगातार निगरानी रखें। क्योंकि छोटे बच्चे कुछ इंच पानी में भी डूब सकते हैं। बाल्टी का इस्तेमाल करने के तुरंत बाद उसे खाली करके उलट दें, या फिर बाल्टी को बच्चे की पहुंच से दूर रखें। बच्चों को कभी भी बाल्टी के पास अकेला न छोड़ें और अगर वे बाल्टी में झुक जाते हैं तो सिर भारी होने के कारण उनका खुद को बाहर निकालना मुश्किल हो सकता है। इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए बच्चों की परवरिश करिएगा।
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