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    उत्तराखंड में बादल फटने का असर यूपी तक, तिगरी गंगा में 1.20 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, अधिकारी अलर्ट

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 08:16 PM (IST)

    देहरादून में बादल फटने के कारण तिगरी की गंगा में 1 लाख 20 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है जिससे गंगा का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। बाढ़ खंड विभाग के अधिकारी अलर्ट पर हैं। बिजनौर बैराज से पानी की मात्रा में वृद्धि की गई है। बाढ़ग्रस्त गांव शीशोवाली में पानी जमा होने से एक मकान ध्वस्त हो गया।

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    तिगरी की गंगा में छोड़ा गया 1.20 लाख क्यूसेक पानी, अधिकारी अलर्ट।

    जागरण संवाददाता, गजरौला। देहरादून क्षेत्र में बादल फटने के बाद एक बार फिर हालात बिगड़ने के आसार हैं। क्योंकि पहाड़ी जलाशयों से फिर से पानी छोड़ने का क्रम तेज हो गया। तिगरी की गंगा में एक बार फिर एक लाख 20 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है।

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    जिसकी वजह से गंगा के जलस्तर में इजाफा होगा। उधर, बाढ़ खंड विभाग के अधिकारी भी अलर्ट हो गए हैं। अभी तक गंगा का जलस्तर कम हो रहा था। सोमवार को गंगा का गेज 200.00 मीटर से घटकर मंगलवार को 199.85 मीटर पर पहुंच गया। इसी बीच अब देहरादून क्षेत्र में बादल फटा है।

    बाढ़ खंड विभाग के मुताबिक वहां का पानी हरिद्वार और बिजनौर बैराज से होते हुए तिगरी में पहुंचेगा। यही वजह है कि बिजनौर बैराज से तिगरी गंगा में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा में इजाफा हुआ है। मंगलवार को भले ही गंगा का जलस्तर कम हुआ है लेकिन, बिजनौर बैराज से एक लाख 20 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ने के बाद अब गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होगी।

    इस क्रम में बाढ़ खंड विभाग के एई मुकेश जैन, जेई रोहित, सुभाष गहलौत और मानवेंद्र सिंह ने तिगरी की गंगा का जायजा लेते हुए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भी भेजी है। जेई सुभाष कुमार ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र का पानी तिगरी में पहुंचेगा। इसलिए स्थिति को देखा गया है।

    बाढ़ग्रस्त गांव में ध्वस्त हुआ मकान

    बाढ़ ग्रस्त गांव शीशोवाली में एक मकान अचानक से ध्वस्त होकर गिर गया। गनीमत रही कि उस समय कोई मकान के मलबे में नहीं आया। गांव निवासी चूरा सिंह के घर के पीछे पिछले एक महीने से बाढ़ का पानी रुका हुआ था।

    जिसकी वजह से मकान सीलन में हो गया। सोमवार की रात को यह मकान ध्वस्त हो गया। गांव के प्रधान पति हरपाल सिंह ने बताया कि हादसे में किसी को चोट नहीं आई है। लेकिन, मकान के पीछे लगभग एक महीने से बाढ़ का पानी जमा हुआ था।