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    मीटर रीडरों की लापरवाही से परेशान हो रहे बिजली उपभोक्ता, ठीक करने के लिए पर मांगते हैं रिश्वत

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 02:48 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ता मीटर रीडरों की लापरवाही से परेशान हैं। गलत मीटर रीडिंग के चलते उपभोक्ताओं को भारी बिल चुकाने पड़ रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए, मीटर रीडर रिश्वत की मांग करते हैं, जिससे उपभोक्ताओं में और भी अधिक निराशा है।

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    मीटर रीडरों की लापरवाही से परेशान हो रहे बिजली उपभोक्ता।

    संवाद सूत्र, तिलोई (अमेठी)। मीटर रीडरों की लापरवाही के कारण उपभोक्ताओं को ज्यादा बिल आने और बिलिंग में गलतियों जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मीटर रीडर अक्सर बिना मीटर देखे ही अनुमान के आधार पर बिल बना देते हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर भारी बिल का बोझ पड़ता है।

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    गलत रीडिंग के कारण उपभोक्ताओं को शिकायत करने पर भी विभाग से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है और उन्हें ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं।

    तिलोई क्षेत्र के मदन चक गांव निवासी दिलीप पांडेय बताते हैं कि सेमरौता विद्युत वितरण उपकेंद्र के मीटर रीडर कभी मीटर की रीडिंग लेने नहीं आते हैं। घर बैठे अनुमानित रीडिंग से बिल बना देते हैं, बाद में अधिक रीडिंग बताकर ठीक कराने के नाम पर आर्थिक शोषण करते हैं। पूरे बैशन निवासी राम नरेश बताते हैं कि मीटर रीडर ने उनका बिल बिना मीटर देखे ही बना दिया। बिल के अनुसार पैसा जमा कर दिया।

    अब गांव में मीटर चेक करने वाले बता रहे हैं कि तुम्हारी यूनिट जमा बिल से अधिक है और उसके समायोजन के लिए सुविधा शुल्क की मांग कर रहे हैं। यही नहीं समय पर मीटर की रीडिंग नहीं लेने के कारण, खपत अगले स्लैब में चली जाती है, जिससे बिल ज्यादा आता है।

    मीटर रीडर द्वारा गलत रीडिंग की एंट्री या पुराने और नए मीटरों की रीडिंग का सही से अपडेट नहीं होने पर भी गलत बिल आ जाता है। उपभोक्ता संजय पांडेय बताते हैं कि शिकायत करने के बावजूद मीटर रीडरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, जिससे उनकी लापरवाही बढ़ती जाती है।

    विद्युत कर्मी अपनी गलती छिपाने के लिए बिल ठीक कराने के बजाए बिल जमा कराने का दबाव बनाते हैं। मजबूर उपभोक्ता बिल जमा नहीं होने पर कनेक्शन कटने या जुर्माना लगने के डर से गलत बिल भी जमा कर देते हैं।

    शिकायत दर्ज कराएं

    जागरूक उपभोक्ता प्रमोद कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि यदि किसी भी उपभोक्ता को ऐसी समस्या का सामना करना पड़ता है। तो वह सीधे बिजली विभाग के कार्यालय में जाकर शिकायत करें या फिर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर काल करके भी अपनी शिकायत दर्ज करवाएं।

    मीटर रीडरों की लापरवाही से बचने के लिए प्रत्येक माह बिल की रीडिंग की जांच करें और किसी भी विसंगति पर तुरंत विभाग के उच्चाधिकारियों को बताएं। यदि विभाग से कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो प्रशासनिक अधिकारियों से भी संपर्क किया जा सकता है।

    यदि लगता है कि बिल गलत है, तो विभाग पर दबाव बनाएं और बिल सही कराने के लिए अड़े रहें और सही होने पर ही जमा करें।

    मीटर रीडरों को उपभोक्ताओं के घर जाकर मीटर देखकर रीडिंग के अनुसार बिल बनाने के निर्देश हैं। मीटर रीडर की लापरवाही की शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य चल रहा है, स्मार्ट मीटर लगते ही इन समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा। -राकेश रोशन, अधिशासी अभियंता मध्यांचल विद्युत वितरण उपखंड तिलोई।