सेटेलाइट के माध्यम से पराली जलाते हुए पकड़ा, दो किसानों पर लगा साढ़े सात हजार रुपये का अर्थदंड
सेटेलाइट के माध्यम से पराली जलाते हुए पाए जाने पर कृषि विभाग ने दो किसानों पर साढ़े सात हजार रुपये का जुर्माना लगाया। यह कार्रवाई पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों का हिस्सा है।

जागरण संवाददाता, अमेठी। पराली जलाने से रोकने के लिए कृषि विभाग के साथ ही राजस्व विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। सेटेलाइट के माध्यम से पराली जलाने के 19 मामले सामने आएं हैं, जिसके तहत अब तक दो किसानों पर कार्रवाई करते हुए साढ़े सात हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।
वहीं, रविवार को उप कृषि निदेशक की अगुवाई में टीम ने जिले भर के खेतों में जलाई जा रही पराली की निगरानी की गई। जिसमें कई लोगों पर कार्रवाई भी हुई है।
उप कृषि निदेशक सतेंद्र कुमार के साथ फूलचंद्र, विनीत, नरेंद्र तिवारी ने गांव-गांव का भ्रमण किया। इस दौरान गौरीगंज के नेता रोड स्थित दुलापुर गांव के पास जल रही पराली को उप कृषि निदेशक ने मौके पर पहुंच बुझवाया। उन्होंने किसानों को जागरूक करते हुए पराली जलाने से होने वाले नुकसान व दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी।
गौरीगंज के ही अरगवां गांव में भी पराली जलाई जा रही थी। सेटेलाइट से प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की। कृषि विभाग की ओर से पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। उप कृषि निदेशक ने बताया कि पराली जलाने से रोकने के लिए टीम गठित कर गांव-गांव निगरानी कराई जा रही है।
अगर कोई किसान पराली जलाता है, तो कार्रवाई की जाएगी। पराली व गन्ने की पत्ती एवं कूड़ा अपशिष्ट जलाया जाना दंडनीय अपराध है। जिस के लिए दोषी पर अर्थदंड की कार्रवाई की जाएगी। पराली जलाए जाने से मृदा स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और यह मानव स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है।
सेटेलाइट के माध्यम से प्राप्त पराली जलाने के आंकड़े
- गौरीगंज : 15
- अमेठी : 02
- मुसाफिरखाना : 02
- कूड़ा जलाने के : 13
- अन्य के : 02

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