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    अमेठी से चुनाव लड़ सकती हैं प्रियंका!

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 08 Mar 2021 12:22 AM (IST)

    अमेठी से देश को सियासी संदेश देने की तैयारी। कई सासदों की निधि से अमेठी में जमीनी स्तर पर बदलाव में जुटी काग्रेस।

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    अमेठी से चुनाव लड़ सकती हैं प्रियंका!

    दिलीप सिंह अमेठी

    राजनीति में थोड़ी सी भी रुचि रखने वाला व्यक्ति जानता है कि सियासत में गाधी नेहरू खानदान के लिए अमेठी और रायबरेली का महत्व क्या है। इन दिनों काग्रेस भले ही जी-23 और उत्तर-दक्षिण के राहुकाल से गुजर रही हो, लेकिन अंदरखाने अमेठी से देश को एक बड़ा सियासी संदेश देने की पटकथा लिखी जा रही है। अमेठी में पिछले कुछ दिनों से बढ़ी हलचल बताती है कि काग्रेस राहुल को 2019 में मिली हार की स्मृति को धूमिल करना चाहती है। काग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा व उनकी टीम अमेठी के रास्ते एक बार फिर यूपी साधने की तैयारी में जुट गई है। सबके अपने आकलन हैं और अपने समीकरण, लेकिन यह साफ है कि अमेठी 2022 में ही 2024 के लिए संदेश दे देगी। एक पुराने काग्रेसी कहते हैं कि प्रियंका 2022 में अमेठी से लड़ेंगी और 2024 में रायबरेली से, लेकिन अपने दावे का आधार गोपनीय रखते हुए कहते हैं, खुद ही देख लीजिएगा। पार्टी के एक बड़े धड़े में राहुल गाधी की स्वीकार्यता को लेकर पनपे आक्रोश और सोनिया गाधी की अस्वस्थता के बीच जाहिर है कि पंजा अब प्रियंका की उंगली पकड़कर वापसी करेगा। एक जमीनी सच यह भी है कि राहुल की हार के बाद गाधी परिवार न तो अमेठी में खुद को सहज महसूस कर रहा है और न ही इसे छोड़ पा रहा है।

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    अमेठी में बोलने को कोई तैयार नहीं, लेकिन काग्रेस के केंद्रीय कार्यालय और परिसर में बने राहुल-प्रियंका के आवास पर हो रही रंगाई-पोताई बहुत कुछ बोल रही है। भाजपाई कहते हैं कि अब राहुल यहा आने वाले नहीं तो पुराने काग्रेसी रहस्यमयी मुस्कान के साथ कहते हैं, सितंबर तक रुक जाओ। स्मृति भले ही अपना मकान बनाने के लिए अमेठी में जमीन का बैनामा करा चुकी हों, लेकिन यहा की सियासी जमीन खोने के बाद भी काग्रेस की खामोशी उन्हें लगातार सक्रिय रखे है।

    विकास कार्यो पर खर्च हो रही काग्रेस सासदों की निधि :

    अमेठी में काग्रेस के राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल, पीएल पुनिया व रेखा की सासद निधि के पैसे खर्च हो रहे हैं। नल, सोलर लाइट व हाई मास्ट लाइट के साथ ही सड़क पर भी पैसा खर्च किया जा रहा है। काग्रेस की ओर से 16 स्कूलों को भी पाच-पाच लाख की रकम दी गई है। यह सब चीजें इशारा कर रही हैं कि काग्रेस लंबी तैयारी में है। आज नहीं तो कल प्रियंका को अपना चुनावी सफर शुरु तो करना ही है और उसके लिए अमेठी से बेहतर रास्ता कौन होगा।

    अमेठी से है परिवार का रिश्ता :

    काग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल कहते हैं कि अमेठी से राहुल व प्रियंका परिवार का रिश्ता मानते हैं। परिवार से कोई कभी दूर कैसे रह सकता है। मोदी व योगी सरकार में लगातार अमेठी की उपेक्षा हो रही है। काग्रेस को छोड़कर दूसरे दल चुप हैं। आने वाला समय काग्रेस का है। गाधी परिवार अमेठी को केंद्र में रखकर ही कोई फैसला लेगा। प्रियंका यहा से लड़ें या रायबरेली से जीत तय है।