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    जगदीश पीयूष की याद में कविता पाठ

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 27 Feb 2021 11:42 PM (IST)

    साहित्यकार जगदीश पीयूष व कैप्टन सतीश शर्मा की याद में काव्य गोष्ठी आयोजित हुई।

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    जगदीश पीयूष की याद में कविता पाठ

    अमेठी : केंद्रीय कांग्रेस कार्यालय परिसर गौरीगंज में वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश पीयूष व पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन सतीश शर्मा की स्मृति में कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। कवियों ने गीत, छंद आदि के माध्यम से दिवंगत साहित्यकार व कैप्टन के प्रति अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

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    कवि सम्मेलन का शुभारंभ स्व. जगदीश पीयूष व कैप्टन सतीश शर्मा के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। उसके बाद कवियत्री व्याख्या मिश्रा ने मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की। कवि वाहिद अली वाहिद ने पढ़ा कि द्वंद्व कहां तक पाला जाए, युद्ध कहां तक टाला जाए, तू भी है राणा का वंशज फेंक जहां तक भाला जाए। दोनों ओर लिखा हो भारत सिक्का वहीं उछाला जाए। मकसूद जाफरी ने अपनी अवधी रचना तनी अमन के बात करा मोरा देश ना नाश करा पढ़कर लोगों को वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया। प्रतापगढ़ से आए कवि नागेंद्र अनुज ने निश्चल थे मन के निर्मल थे बाबूजी सच कहता हूं गंगाजल थे बाबूजी कविता पढ़ी।

    कवियत्री डॉ. अर्चना ओजस्वी ने नारी सशक्तीकरण के ऊपर तमाम कविताएं प्रस्तुत की। कवि चितामणि मिश्र ने पढ़ा कि खादी के कुर्ते में मोपेड पर कोई जाता दिखे तो पीयूष वहीं हैं। गांधी के नाम पर नारे व लेख बनाता दिखे तो पीयूष वहीं हैं। खाने के दौर में लोगों को कोई खिलाता दिखे तो पीयूष वहीं हैं। दूर आकाश में अवधी का ध्वज लहराता दिखे तो पीयूष वहीं हैं। कवि अनीस देहाती, उदय वर्मा ने भी कविताएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन समीर अमेठवी ने किया।

    राकेश पांडेय व अनुपम पांडेय के साथ ही कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप सिघल ने कवियों को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस मौके पर शत्रुघन सिंह, डॉ. अरविद चतुर्वेदी, फिरोज आलम, शकील इदरीशी, आरडी यादव, मनोज कश्यप समेत कई लोग मौजूद रहे।