Lok Sabha Chunav: 25 साल में पहली बार अमेठी में गांधी परिवार से नहीं कोई दावेदार, 1977 में संजय गांधी ने लड़ा था यहां से चुनाव
Lok Sabha Election 2024 Amethi News In Hindi शुक्रवार को राहुल गांधी ने रायबरेली से नामांकन किया है। 25 वर्ष बाद यह पहला मौका है। जब गांधी परिवार से अमेठी में कोई उम्मीदवार नहीं है। गांधी परिवार से उम्मीदवार न होने से अमेठी से दशकों पुराना रिश्ता टूट गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति इरानी राहुल गांधी को हराकर यहां से सांसद बनीं।
पवन यादव, जागरण, अमेठी। एक समय था जब लोकसभा सीट अमेठी को कांग्रेस का अभेद किला माना जाता था, लेकिन समय के साथ कांग्रेस के गढ़ में भाजपा प्रत्याशी स्मृति इरानी ने आम चुनाव 2019 में सेंधमारी कर दी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को हराकर सांसद बनी। यह 25 वर्ष बाद पहला मौका है, जब अमेठी के चुनावी रणभूमि में गांधी परिवार से कोई योद्धा मैदान में नहीं है।
स्मृति ने तोड़ा किला
- 1967 से अमेठी का प्रतिनिधित्व करीब 31 वर्ष तक गांधी परिवार के सदस्यों ने किया है।
- आम चुनाव 2019 में भाजपा की स्मृति इरानी ने राहुल गांधी को 50,120 से वोटों से हराकर कांग्रेस का किला तोड़ दिया।
- शुक्रवार को गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा को अमेठी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा गया।
- इसके पहले 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी व सोनिया गांधी के करीबी कैप्टन सतीश शर्मा चुनावी मैदान में उतारे थे, जिन्हें भाजपा के संजय सिंह से हार का सामना करना पड़ा था।
- 1999 में सोनिया गांधी ने संजय सिंह को तीन लाख से अधिक वोटों से हराकर सीट दोबारा हासिल की थी।
- 2004 में सोनिया ने बेटे राहुल गांधी की चुनावी राजनीति की शुरूआत अमेठी से ही कराई।
- जबकि वह रायबरेली चली गई। राहुल गांधी ने 2004, 2009 और 2014 में जीत हासिल कर लगातार तीन बार अमेठी से सांसद हुए।
- 2019 में चौथी बार भाजपा प्रत्याशी स्मृति इरानी से राहुल गांधी चुनाव हार गए।
- चुनाव हारने के बाद से राहुल अमेठी दूर होते गए।
1977 में संजय गांधी ने लड़ा था अमेठी से चुनाव
- 1977 के आम चुनाव में जनता पार्टी के रवींद्र प्रताप सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी को हराकर अमेठी से सांसद बने थे।
- संजय गांधी ने अपना चुनावी बदला तीन साल बाद 1980 के आम चुनाव में रवींद्र प्रताप सिंह को हरा कर लिया। उसी वर्ष संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
- 1981 के उपचुनाव में बड़े भाई राजीव गांधी छोटे भाई की विरासत संभालने अमेठी पहुंचे। वह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को दो लाख से अधिक वोटों से हराकर अमेठी से सांसद बने।
- राजीव गांधी 1991 अमेठी का प्रतिनिधित्व करते रहे। उनकी हत्या के बाद हुए उपचुनाव में राजीव-सोनिया के करीबी सहयोगी सतीश शर्मा ने जीत हासिल की थी।
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गांधी परिवार से होना चाहिए था उम्मीदवार
कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा ने बताया कि वह भी चाहते थे कि गांधी परिवार से ही अमेठी में उम्मीदवार उतारा जाए, लेकिन पार्टी हाईकमान ने हमें प्रत्याशी बनाया है।