Amethi News: ईको-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा कादूनाला वेटलैंड, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
अमेठी के कादूनाला वेटलैंड को इको-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है। पर्यटन विभाग की टीम ने जिलाधिकारी और वन विभाग के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। वेटलैंड के संरक्षण सुंदरीकरण और पर्यटन की संभावनाओं पर चर्चा की गई। इस विकास से जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

जागरण संवाददाता, अमेठी। पर्यटन को बढ़ावा देने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के उद्देश्य से कादूनाला वेटलैंड को ईको-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। गुरुवार को उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की इको-टूरिज्म बोर्ड की टीम ने जिलाधिकारी संजय चौहान, सीडीओ सूरज पटेल तथा वन विभाग के अधिकारियों के साथ कादूनाला वेटलैंड का स्थलीय निरीक्षण किया।
इस दौरान टीम ने वेटलैंड के संरक्षण, सुंदरीकरण एवं पर्यटन की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कादूनाला वेटलैंड की भौगोलिक एवं पारिस्थितिक विशेषताओं का गहन अध्ययन किया। इको-टूरिज्म बोर्ड के विशेषज्ञों ने यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संभावित गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की।
जिलाधिकारी ने कहा कि कादूनाला वेटलैंड जिले के लिए केवल एक प्राकृतिक धरोहर ही नहीं है, बल्कि यह पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। वेटलैंड के विकसित होने से जहां एक ओर जिले में ईको-टूरिज्म को नई दिशा मिलेगी।
वहीं, दूसरी ओर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। साथ ही, जैव-विविधता का संरक्षण और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करना भी संभव होगा। इको-टूरिज्म बोर्ड के सलाहकार माता प्रसाद गौतम ने बताया कि वेटलैंड का विकास पूरी तरह से पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
कहा कि यहां ऐसी गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे प्राकृतिक संसाधनों को क्षति न पहुंचे और साथ ही स्थानीय लोगों की आजीविका भी सुरक्षित रहे। प्रभागीय वनाधिकारी रणवीर मिश्र ने बताया कि वेटलैंड क्षेत्र विभिन्न प्रकार की पक्षी प्रजातियों और दुर्लभ जीव-जंतुओं का प्राकृतिक आवास है।
इसके विकसित होने से न केवल जैव विविधता का संरक्षण होगा बल्कि पक्षी प्रेमियों और पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बनेगा। इस अवसर पर जिला पर्यटन अधिकारी पारिजात पांडेय, आर्किटेक्ट मनीष शर्मा सहित पर्यटन एवं वन विभाग के अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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