Amethi News: सौतेली मां ने सौतेले बेटे को संतान की चाह में चिलम-धूपबत्ती से जलाया, फिर गला दबाकर चढ़ा दी बलि
उत्तर प्रदेश के अमेठी में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां बच्चे की चाह में सौतेली मां ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दीं। उसने सौतेले बेटे को चिलम-धूपबत्ती से जलाया फिर तांत्रिक के कहने पर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी।

गौरीगंज, (अमेठी), जागरण संवाददाता। अंधविश्वास के चक्कर में एक बच्चे की बलि दे दी गई। रेसी गांव में रविवार को बच्चे का शव मिला था। बुधवार को पुलिस ने दिल को दहला देने वाली घटना का राजफाश किया है। बच्चे की किसी और ने नहीं बल्कि उसकी सौतेली मां ने तंत्र-मंत्र के चक्कर मार कर शव फेंक दिया था।
घटना में शामिल सौतेली मां, तांत्रिक समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है। वहीं बेटे को खोने वाले पिता ने कहाकि अगर पहले जानता तो कभी रेनू से शादी नहीं करता। मृतक के पिता जितेंद्र प्रजापति की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर घटना के राजफाश के लिए टीमों का गठन किया।
कड़ी मेहनत कर घटना से जुड़े तारों को जोड़ा और पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उन लोगों ने बच्चे के शरीर को पहले धूपबत्ती, चिलम और कपूर से जलाया था। उसके बाद बच्चे के रोने पर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी। फिर उसको नाले में फेंकने के बाद अपने-अपने घर चले गए थे।
मां की जुबानी बेटे के हत्या की कहानी
आरोपित सौतेली मां रेनू ने बताया कि उसकी शादी डेढ़ साल पहले जितेंद्र प्रजापति से हुई थी। ये शादी उसकी दूसरी शादी थी। शादी के बाद से ही वो बच्चा चाहती थी, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था। उसने कई जगह से अपना इलाज भी करवाया। कोई फायदा नहीं हुआ। गांव में झाड़-फूंक भी करवाया, लेकिन उसका भी कोई असर नहीं हुआ। इसी दौरान वह एक दिन अपने मायके गई। वहां उसने ये बात अपने माता-पिता को बताई। जिसके बाद शाम को उनके माता पिता उसे एक तांत्रिक के पास ले गए। उस तांत्रिक ने कुछ देर तंत्र क्रिया करने के बाद उसे कुछ जड़ी बूटी दी और उसको खाने के लिए कहा। काफी दिनों तक वह ये सब करती रही।
तांत्रिक ने दी थी बलि देने की सलाह
तांत्रिक ने उससे कहा कि तुमको दोष लगा हुआ है, ये दोष बलि से ही जाएगा। अगर तुम बच्चा चाहती हो तो किसी मासूम की बलि दे दो। रेनू का कहना था कि पहले तो उसको कुछ समझ नहीं आया, लेकिन बाद में उसका ध्यान अपने पति के बेटे सतेंद्र पर गया। उसने तभी तय कर लिया था कि वो सतेंद्र की ही बलि चढ़ाएगी। जिसके बाद रेनू ने 11 जून को जब उसके पति शादी में गए तो वो सतेंद्र को लेकर गांव के पास लगे पीपल के पेड़ पर आई। वहां उसके माता-पिता और तांत्रिक पहले से ही मौजूद थे। उन लोगों ने वहां पर तांत्रिक के दिए चिलम, धूपबत्ती और कपूर से बच्चे को जलाना शुरू कर दिया। सतेंद्र रोने लगा तो उसका मुंह दबा दिया। उसके बाद वहीं पर उसका गला दबाकर उसको नाले में फेंक दिया।
रेनू के बच्चे के ली हुई थी तंत्र क्रिया
तांत्रिक दयाराम यादव ने बताया कि 11 जून की रात को हम लोग रेनू के लिए तंत्र क्रिया कर रहे थे। रेनू अपने मां-बाप के साथ मिलकर मासूम को चिलम, अगरबत्ती और कपूर से जला रही थी। सतेंद्र चिल्लाने लगा तो उसकी सौतेली मां ने गमछे से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। इसमें उसके मां-बाप भी शामिल थे।
पहले दिन से ही था रेनू पर शक
एएसपी हरेंद्र कुमार ने कहा कि पुलिस को पहले दिन से ही सौतेली मां पर ही शक था। बच्चे की ऐसी निर्मम हत्या के बाद भी उसको कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। वो ज्यादा किसी से बात भी नहीं कर रही थी। वो बयान भी दो-तीन बार बदल चुकी थी। जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारा सच बता दिया। उसने घटना में शामिल अन्य लोगों का नाम भी बता दिया।
इनको भेजा गया जेल
सौतेली मां रेनू, महिला की मां प्रेमा देवी, पिता मंगरू प्रजापति और तांत्रिक दयाराम यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हत्या में प्रयुक्त गांजा, नींबू, जायफल, अंगौछा और एक मोटरसाइकिल भी पुलिस ने बरामद की है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।