चुनाव हारने के एक वर्ष बाद पहुंचीं स्मृति ईरानी बोलीं, खून का नहीं, अमेठी से संघर्ष व सम्मान का नाता
Ex Minister Smriti Irani उन्होंने कहा कि अमेठी आज बदल चुकी है यह फैक्ट्रियों और संभावनाओं की धरती बनी है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा ही अमेठी के विकास के लिए तत्पर रहेंगी। स्मृति ने कहा कि मैं खुद को पूर्व सांसद नहीं मानती। मैं आज भी अमेठी की स्मृति हूं।

जागरण संवाददाता, अमेठी : पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुंची। गौरीगंज के रणंजय इंटर कालेज मैदान पर आयोजित पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी स्मृति गोष्ठी और पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्मृति ने कहाकि अमेठी से खून का रिश्ता भले न हो पर यहां से मेरा संघर्ष व सम्मान का नाता है।
लोकसभा चुनाव हारने के 355 दिनों बाद पहली बार अमेठी पहुंची स्मृति ईरानी जगह-जगह भव्य स्वागत हुआ। गोष्ठी में स्मृति ने कहा कि मैं खुद को पूर्व सांसद नहीं मानती। मैं आज भी अमेठी की दीदी स्मृति हूं। उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि एके-203 राइफल फैक्ट्री, कोका-कोला प्लांट, सैनिक स्कूल, मेडिकल कालेज स्थापना मोदी सरकार में ही हुई।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सांसद के रूप में मिलने वाली पेंशन उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा कोष में समर्पित कर दी है ताकि बलिदानियों के परिवारों को सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि अमेठी आज बदल चुकी है, यह फैक्ट्रियों और संभावनाओं की धरती बनी है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा ही अमेठी के विकास के लिए तत्पर रहेंगी। स्मृति ने कहा कि मैं खुद को पूर्व सांसद नहीं मानती। मैं आज भी अमेठी की स्मृति हूं।
उन्होंने रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से प्रेरणा लेते हुए कहा कि महिलाओं ने गांव-गांव जाकर स्वयं सहायता समूह बनाए हैं। स्मृति ने पंचायतों को लोकतंत्र की सबसे मजबूत इकाई बताते हुए कहा कि मोदी सरकार ने पंचायतों का बजट 70 हजार करोड़ से बढ़ाकर ढाई लाख करोड़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि अमेठी का कार्यकर्ता संगठन के प्रति समर्पित है और यही संस्कार अमेठी की पहचान है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह अमेठी के विकास और सम्मान के लिए हमेशा तत्पर रहेंगी।
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