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    Anuj Pratap Singh: रोजी रोटी के जुगाड़ में गुजरात गया अनुज प्रताप स‍िंह कैसे बन गया 'डकैत', जान‍िए पूरी कहानी

    Updated: Tue, 24 Sep 2024 08:43 AM (IST)

    अनुज प्रताप स‍िंह के एनकाउंटर पर पिता धर्मराज सिंह का बयान सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उन्‍होंने कहा चलो ठाकुर का एनकाउंटर होने से उनकी (अखिलेश यादव) की इच्छा तो पूरी हो गई। जिनके ऊपर 35 से 40 केस हैं उनका एनकाउंटर नहीं हो रहा है जिनके ऊपर दो से चार केस है। उनका एनकाउंटर किया जा रहा है।

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    एनकाउंटर में मारा गया बदमाश अनुज प्रताप स‍िंह।- फाइल फोटो

    संवाद सूत्र, तिलोई (अमेठी)। सुलतानपुर में सराफा दुकान में लूट कांड के आरोपी मोहनगंज के जनापुर निवासी अनुज प्रताप सिंह (Anuj Pratap Singh) को रविवार रात को उन्नाव में पुलिस व एसटीएफ (STF) टीम ने मार गिराया।

    अनुज के एनकाउंटर पर पिता धर्मराज सिंह का बयान सोमवार को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। आरोपित के पिता कह रहे है कि चलो ठाकुर का एनकाउंटर होने से उनकी (अखिलेश यादव) की इच्छा तो पूरी हो गई। जिनके ऊपर 35 से 40 केस हैं, उनका एनकाउंटर नहीं हो रहा है, जिनके ऊपर दो से चार केस है। उनका एनकाउंटर किया जा रहा है। धर्मराज ने आगे कहा कि सरकार की मर्जी है, चाहे जो करे।

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    कोरोना के दौरान हुई थी मां की मौत

    अनुज प्रताप सिंह ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा था। कोरोना के दौरान मां नीलम सिंह की मौत हो गई, जो शिक्षा मित्र के पद पर तैनात थी। रोजी रोटी के जुगाड़ में नौकरी करने अनुज गुजरात के सूरत चला गया, जहां उसे शातिर अपराधी और पड़ोसी विपिन सिंह का साथ मिला।

    विपिन के साथ उसने अपराध की दुनिया में पैर रखते हुए लूट की। इसमें अनुज को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल दिया था। काफी दिन जेल में रहने के बाद जमानत मिली तो वह गांव आया। ग्रामीणों की माने तो वह घर में शांत पूर्वक रह रहा था। पिता धर्मराज सिंह उर्फ बब्लू के कोटे में हाथ बंटाता था।

    संभ्रांत परिवार से था अनुज

    अनुज प्रताप सिंह के सिर इसी वर्ष सेहरा बंधना था, लेकिन विधि का विधान कुछ और ही था। रविवार को पुलिस व एसटीएफ की मुठभेड़ में अनुज मारा गया। अनुज सिंह के बाबा बसंत सिंह संभ्रांत लोगों में थे। उन्हें सरकारी राशन वितरण की दुकान आवंटित थी। उनकी मृत्यु के बाद वरासत में पुत्र धर्मराज को कोटा मिल गया है। पारिवारिक पृष्ठभूमि में भी कोई आपराधिक प्रवृत्ति का नहीं था। पिता धर्मराज की माने तो बेटे का विवाह हलियापुर से तय किया था। अनुज सिंह का 15 वर्षीय छोटा भाई आयुष सिंह है।

    दो मुकदमों का आपराधिक इतिहास

    पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक अनुज सिंह पर दो केस हैं। पहला गुजरात के सूरत के सचिन थाना में व दूसरा सुलतानपुर में सराफा लूट ही दर्ज है।

    गांव में शव का इंतजार

    गांव में पूरी तरह सन्नाटा है। परिवारजन व रिश्तेदार का कहना है कि मीडिया और राजनीति के चलते अनुज प्रताप सिंह का पुलिस ने एनकाउंटर किया है। दर्जनों अपराध करने वाले घूम रहे हैं, दो मुकदमे वाले को पुलिस ने गोली मार दी। पिता धर्मराज सिंह के बारे में पता चला कि वह बेटे के शव को लाने गए हैं।

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