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जहां उड़ती थी धूल, आज वहां खिलखिला रहे औषधीय पौधे; छात्रों को प्रकृति व आयुर्वेद से जोड़ रहे शिक्षक संदीप

अमेठी के फुरसतगंज राजकीय इंटर कालेज में कार्यरत शिक्षक संदीप यहां पढ़ने वाले छात्रों को प्रकृति व आयुर्वेद से जोड़ रहे हैं। बता दें कि कालेज की वाटिका में अर्जुन ऐलोवेरा अश्व गंधा सर्प गंधा स्टीवया शतावरी मीठी नीम मेंथा पत्थरचट्टा समेत कई पौधे गार्डन में मौजूद हैं।

By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalPublished: Sat, 17 Dec 2022 11:43 AM (IST)Updated: Sat, 17 Dec 2022 11:43 AM (IST)
छात्रों को प्रकृति व आयुर्वेद से जोड़ रहे शिक्षक संदीप चौधरी (फोटो जागरण)

दिलीप सिंह, अमेठी। कुछ वर्ष पहले तक जहां धूल उड़ती थी, आज वहां विभिन्न प्रजाति के सैकड़ों औषधीय पौधे खिलखिला रहे हैं। हर्बल गार्डन के जरिए बच्चों को प्रकृति व आयुर्वेद से जोड़ने की कोविड काल में शुरू की गई शिक्षक संदीप चौधरी की मुहिम की हर ओर सरहाना हो रही है। उनकी मेहनत व प्रकृति से विशेष जुड़ाव के चलते फुरसतगंज राजकीय इंटर कालेज प्रदेश के दो हर्बल गार्डन वाले कालेजों में से एक है।

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कालेज में की गई औषधीय पादप वाटिका की स्थापना

फुरसतगंज राजकीय इंटर कालेज जिले का सर्वाधिक छात्र संख्या वाला राजकीय कालेज है। कालेज में औषधीय पादप वाटिका की स्थापना से जिले में ही नहीं प्रदेश के राजकीय कालेजों में इसका अपना अलग मुकाम बनाया है। कालेज में लगभग 20 पादप ऐसे लगाए गए हैं, जो इस क्षेत्र में रोपित किए जा सकते है और इस क्षेत्र के एग्रो क्लाइमैटिक जान के अनुकूल है।

हर्बल गार्डन में इस प्रजाति के औषधीय पौधे

कालेज की वाटिका में अर्जुन, ऐलोवेरा, अश्व गंधा, सर्प गंधा, स्टीवया, शतावरी, मीठी नीम, मेंथा, पत्थरचट्टा, लेंमोन ग्रास, गुड़ मार, हर जोड़, मोरीगा, नीम, जामुन, पपीता, अजवाइन आदि शामिल हैं। जुड़ी बुटी के रूप में प्रयोग में आने वाले लगभग 60 से अधिक प्रजाति के पौधे गार्डन में मौजूद हैं। कालेज के छात्राओं को शिक्षक संदीप द्वारा 20 तरह के औषधीय पौधे घर में रोपने के लिए वितरित किए जाते हैं। साथ उन्हें ही औषधीय पौधों के सेवन से होने वाले लाभ के बारे में भी बताया जाता है। घर में इन्हें रोपित कर इनसे होने वाले लाभ से लाभान्वित होने का संकल्प भी सभी को दिलाया गया हैं।

दो दोस्तों का प्रकृति से जुड़ा नाता तो चहकने लगे दो कालेज

राजकीय इंटर कालेज में 2019 में शिक्षक के रूप में सेवा देने आए संदीप चौधरी का प्रकृति से जुड़ाव पहले से ही था। कोविड काल में समय मिला तो उन्होंने अपने कालेज में ही हर्बल गार्डन स्थापित कर दिया। वहीं राजकीय अभिनव विद्यालय दांदूपुर चाका प्रयागराज में उनके मित्र डा. राम धीरज शुक्ला ने भी अपने कालेज में 60 तरह के औषधीय पौधे रोपे। जो आज भी बच्चों को प्रकृति से जोड़ने के काम में लगे हुए हैं।

क्या बोले संदीप चौधरी

संदीप चौधरी कहते हैं कि औषधीय पौधे एवं उनसे होने वाले लाभ से अधिकांश छात्रों को परिचित कराना वर्तमान समय में विद्यालय के शिक्षण का एक सशक्त माध्यम बन सकता है। वाटिका के माध्यम से पौधे की पहचान, लाभ, कुल एवं वानस्पतिक नामों की जानकारी दी जाती है। औषधीय पौधों का लाभ सभी को मिलता है।

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