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राजीव गांधी आयुर्वेदिक संस्थान ने बुजुर्गों के लिए खोले द्वार, पांच वर्ष में हजारों नागरिकों का किया उपचार

राजीव गांधी राजकीय आयुर्वेदिक स्नातकोत्तर शिक्षण एवं चिकित्सा संस्थान पपरोला में बुजुर्गों के लिए द्वार खोल दिए हैं जिसके वजह से पिछले पांच वर्ष में हजारों वरिष्ठ नागरिकों का उपचार किया गया है। इसमें पंचकर्म और फिजियोथैरेपी प्रमुख है।

By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalPublished: Sat, 17 Dec 2022 12:43 PM (IST)Updated: Sat, 17 Dec 2022 12:43 PM (IST)
राजीव गांधी आयुर्वेदिक संस्थान ने बुजुर्गों के लिए खोले द्वार, पांच वर्ष में हजारों नागरिकों का किया उपचार
राजीव गांधी राजकीय आयुर्वेदिक स्नातकोत्तर शिक्षण एवं चिकित्सा संस्थान पपरोला

पपरोला, मुनीष दीक्षित। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में कई साल से काम कर रहे राजीव गांधी राजकीय आयुर्वेदिक स्नातकोत्तर शिक्षण एवं चिकित्सा संस्थान पपरोला में वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष स्वास्थ्य सुविधा शुरू की गई है। यहां उत्तर भारत का पहला क्षेत्रीय उत्कृष्ट जरा स्वास्थ्य रक्षण केंद्र स्थापित किया गया है।

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हजारों बुजुर्गों को मिला निशुल्क स्वास्थ्य लाभ

करीब पांच साल पहले आयुष मंत्रालय के माध्यम से शुरू किए गए इस केंद्र में अब तक हजारों बुजुर्ग निशुल्क स्वास्थ्य लाभ ले चुके हैं। बुढ़ापे के दौरान कई व्याधियों से जूझ रहे बुजुर्ग लोगों को इस केंद्र में विशेष स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध करवाया जाता है। इसमें पंचकर्म और फिजियोथैरेपी प्रमुख है।

आयुर्वेदिक संस्थान पपरोला में मौजूद हैं 215 बिस्तर

इसके अलावा कई व्याधियों से जूझ रहे बुजुर्ग लोग, जिन्हें एलोपैथी दवाइयों से दिक्कत होती है, उनके लिए भी यहां आयुर्वेदिक चिकित्सा उपलब्ध करवाई जाती है। यहां इसके लिए विशेष रूप से एक अलग भवन और उसमें 20 बिस्तरों का प्रबंध किया गया है। आयुर्वेदिक संस्थान पपरोला में मौजूदा समय में 215 बिस्तर हैं और 15 विशेषज्ञों की ओपीडी चलती है।

देश भर से प्रशिक्षण के लिए आते हैं आयुर्वेदिक चिकित्सक

इसके अतिरिक्त महाविद्यालय में आयुर्वेदिक में स्नातक और स्नातकोत्तर की 14 विषयों में डिग्री उपलब्ध करवाई जाती है। इस संस्थान में पूरे देश भर से कई आयुर्वेदिक चिकित्सक प्रशिक्षण के लिए आते हैं। अब यहां नेपाल, भूटान, श्रीलंका, घाना और बांग्लादेश से भी छात्र आयुर्वेदिक की पढ़ाई के लिए आने लगे हैं।

क्या बोले संस्थान के प्राचार्य डा. विजय चौधरी

संस्थान के प्राचार्य डा. विजय चौधरी का कहना है कि संस्थान में अधिकतर रोगों का इलाज आयुर्वेदिक विधा से होता है। यहां स्थापित किए गए जरा रोग रक्षण केंद्र में बुजुर्गों के उपचार के लिए विशेष व्यवस्था करवाई गई है और सारा उपचार निशुल्क उपलब्ध करवाया जाता है। भर्ती होने के लिए यहां के विशेषज्ञ संबंधित बीमारी को लेकर उनका चेकअप करते हैं और यदि रोग आयुर्वेदिक के दायरे में हो तो उसका यहां निश्शुल्क उपचार किया जाता है।

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