Amethi News: पैंगा ड्रेन के उफनाने से सड़ी 100 बीघा से अधिक धान की फसल, जिम्मेदारों की लापरवाही बनी वजह!
अमेठी के गौरीगंज में ड्रेन की सफाई न होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। लगातार बारिश के कारण ड्रेन उफन गई और खेतों में पानी भर गया जिससे 100 बीघा से अधिक धान की फसल सड़ गई। किसानों ने प्रशासन से फसल की क्षतिपूर्ति की मांग की है। अधिकारियों के अनुसार ड्रेन की सफाई हर तीन साल में कराई जाती है और बारिश के कारण फसल डूबी है।

जागरण संवाददाता, गौरीगंज, (अमेठी)। जिम्मेदारों ने ड्रेन की साफ-सफाई नहीं कराई। जिससे बारिश में ड्रेन उफनाने लगी और समीप के खेत जलमग्न हो गए। लंबे समय तक जल निकासी न होने से 100 बीघा से अधिक धान फसल सड़ गई। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते किसानों को फसल नुकसान के रूप में खामियाजा भुगतना पड़ा। यह हाल जिला मुख्यालय के समीप का है, तो ग्रामीणांचल क्षेत्रों में ड्रेन व नाला की सफाई व्यवस्था कितनी बेहतर है। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
जल भराव की समस्या को दूर करने के लिए गौरीगंज के पैंगा गांव के पास से ड्रेन निकली हुई है, जो असुरा, धनापुर, अत्ता नगर होते हुए प्रतापगढ़ के कुम्भी आइमा निकलती है। ड्रेन के समीप स्थित बड़े भूभाग में खेती की जाती है। इस बार समय पर बारिश न होने पर किसानों ने निजी संसाधनों ने धान फसल की रोपाई की थी, लेकिन बीते दिनों लगातार हुई झमाझम बारिश से जल जमाव हो गया। वहीं ड्रेन की सफाई न होने की वजह से खेत पानी से लबालब भर गए। एक सप्ताह तक जल जमाव होने से धान फसल सड़ गई। इससे किसानों की मेहनत मजदूरी पानी में डूब गई। वहीं विभागीय जिम्मेदार नियमित सफाई का दावा करते हैं।
इस गांव के किसानाें की सड़ गई फसल
पैंगा ड्रेन के समीप स्थित अत्ता नगर, गूजरटोला, पैपगा, पूरे फाजिल, सोंगरा, धनापुर, रंजीतपुर, चंदईपुर, ऐंठा, पठानपुर, अमावा आदि गांव के किसानों के खेत हैं। इन गांव के किसानों की 100 बीघा से अधिक धान फसल जलमग्न हो गई है। किसानों ने धान फसल की क्षतिपूर्ति दिए जाने की मांग प्रशासन से की है।
किसानोंं की पीड़ा
पैगा ड्रेन में बाढ़ आना कोई नई बात नहीं है। हर साल हजारों एकड फसल पानी के चपेट में आकर सड़ जाती है। इस बार भी हमारी 15 बीघा धान की खेती डूब गई है।- विकास सिंह, अत्ता नगर
इस ड्रेन की वजह से हमारी 10 बीघा फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। इस बार धान के नाम पर एक दाना भी मिलने की उम्मीद नहीं है। यह नाला अब किसानों के लिए अभिशाप बन गया है। जिस-जिस गांव होकर यह नाला गया है। वहां के किसान रो रहे हैं।- मोहम्मद समीर
पैंगा बड़ी ड्रेन होने के चलते हर तीन वर्ष बाद इसकी सफाई कराई जाती है। बारिश के पानी से फसल डूबी है। ड्रेन में किसी प्रकार की समस्या नहीं है।- मनीष रंजन, अधिशासी अभियंता, शारदा सहायक खंड 41
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