Amethi News: पांच दिन में ही जली घटिया एबीसी, अंधेरे में जीवन यापन कर रहे 40 परिवार
Amethi News अधिशासी अभियंता सीपी सिंह ने अवर अभियंता को तत्काल समाधान कराए जाने के निर्देश दिए हैं। गांव में करीब दस दिन पूर्व आरडीएसएस योजना के करीब 200 मीटर एबीसी केबल लगाई गई थी जो पांच दिन में ही लोड न सह सकी और जल गई। उपभोक्ताओं की शिकायत पर केबल की रिपेयरिंग मंगलवार को 11 बजे की गई।

संवाद सूत्र, जागरण, अमेठी : कमरौली के कठौरा के पूरे लाल गांव में पांच दिन पहले आरडीएसएस (पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना) के तहत एरियल बंडल्ड केबल (एबीसी) लगाई गई थी। केबल गुणवत्ताविहीन होने के कारण जल गई, जिसके कारण बड़ा हादसा होते होते बच गया। केबल जलने के कारण यहां के 40 परिवार पांच दिन से अंधेरे में रहने को मजबूर हैं।
कठौरा के पूरे लाल गांव में आरडीएसएस योजना के तहत एबीसी केबल लगाई गई थी। केबल गुणवत्ताविहीन होने के कारण जल गई, जिस कारण एक बड़ा हादसा होते होते बच गया। पांच दिन से करीब 40 घरों के उपभोक्ता अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। महोना विद्युत उपकेंद्र के जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा उपभोक्ताओं को झेलना पड़ रहा है।
समस्या को संज्ञान में लेते हुए अधिशासी अभियंता सीपी सिंह ने अवर अभियंता को तत्काल समाधान कराए जाने के निर्देश दिए हैं। गांव में करीब दस दिन पूर्व आरडीएसएस योजना के करीब 200 मीटर एबीसी केबल लगाई गई थी, जो पांच दिन में ही लोड न सह सकी और जल गई।
उपभोक्ताओं की शिकायत पर केबल की रिपेयरिंग मंगलवार को 11 बजे की गई। गुणवत्ता विहीन केबल उसी दिन रात में फिर जलकर भूमि पर गिर गई। गनीमत रहीं कि आस पास कोई नहीं था। नहीं कोई बड़ा हादसा हो सकता था। ग्रामीणों की शिकायत पर उपकेंद्र से बिजली काटी गई। तब के केबल जमीन पर ही गिरी पड़ी है।
उपभोक्ता कयूम, शकील अहमद, लईक ने बताया कि केबल की गुणवत्ता सही न होने के कारण जल गई। मंगलवार से करीब 40 परिवार अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। सभी ने लोड के अनुसार अच्छी क्वालिटी की केबल लगाकर विद्युत व्यवस्था बहाल कराई जाने की मांग की है। अवर अभियंता महोना पश्चिम मनोज विंद ने बताया कि गांव में केबल जलने की बात संज्ञान में है। यहां पर उससे अधिक क्षमता की केबल लगाकर समस्या का समाधान कराया जाएगा।
प्रदेश में आरडीएसएस (पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना) का उद्देश्य डिस्कॉम्स (वितरण कंपनियों) की परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार करना, 2024-25 तक एटीएंडसी घाटे को 12-15 प्रतिशत तक कम करना और एसीएस-एआरआर अंतर को शून्य करना है। यह सुधार-आधारित और परिणाम-संबद्ध वित्तीय सहायता के माध्यम से आपूर्ति बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर केंद्रित है। जिसमें वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक प्रदेश में 3,03,758 करोड़ का परिव्यय है।
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