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हाथों में बेरोजगारी दूर करने का हुनर, खोली तरक्की की राह

58 ग्राम पंचायतों में चल रहा आत्मनिर्भर बनाने का अभियान 140 स्वयं सहायता समूहों को 15 हजार रुपये रिवाल्विग फंड

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Aug 2021 10:38 PM (IST)Updated: Tue, 10 Aug 2021 10:38 PM (IST)
हाथों में बेरोजगारी दूर करने का हुनर, खोली तरक्की की राह

अमेठी: गांवों में संचालित स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपनी अलग पहचान बना रही हैं। जो महिलाएं पहले बेरोजगार थी, अब उनके हाथों में हुनर है। वे जरूरी खर्च के लिए परिवार के पुरुषों पर निर्भर नहीं हैं। 58 ग्राम पंचायतों में चल रहे 497 समूह से जुड़कर 4163 महिलाएं न केवल खुद के पैरों पर खड़ी हो रही हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रही हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इसे एक अभियान की तरह चलाया जा रहा है ताकि गांव की प्रत्येक महिला सशक्त हो सके।

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कोरोना काल में मास्क और स्कूल ड्रेस बनाने के साथ ही राशन वितरण और बिजली का बिल भी समूह की महिलाएं जमा कर रही है। समूह की ये महिलाएं उद्यमी बन सीआइबी बोर्ड, दोना पत्तल बनाने, पान की खेती आदि में नया कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। समूहों को दी गयी आर्थिक सहायता:

रोजगार बढ़ाने के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में शासन की ओर से 140 स्वयं सहायता समूहों को 15 हजार रुपये रिवाल्विग फंड और 110 समूहों को एक लाख 10 हजार रुपये की सामुदायिक निवेश निधि प्रदान की गई। वहीं, वर्ष 2021-22 में 166 समूहों को रिवाल्विग फंड के रूप में 15 हजार रुपये दिए गए।

आठ समूहों को ऋण स्वीकृत:

स्वरोजगार के लिए 85 समूहों ने पांच लाख रुपये ऋण के लिए आवेदन किया है। स्वीकृति के पश्चात आठ समूहों को ऋण उपलब्ध कराया गया है। जबकि 98 समूहों ने सामुदायिक निवेश निधि के लिए सरकार के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया है। इन समूहों का बेहतर काम गांव समूह का नाम

जैतपुर - गोवर्धन महिला स्वयं सहायता समूह

हथरोहना - महाराजा बिजली पासी स्वयं सहायता समूह

सिंहपुर - भोलेशंकर स्वयं सहायता समूह

भानीपुर - मां लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह

खेखरुआ- श्री दुर्गा स्वयं सहायता समूह जयनगरा - सोनिया गांधी स्वयं सहायता समूह भवानीपुर - उजाला स्वयं सहायता समूह पंहौना - फुरसत बाबा स्वयं सहायता समूह सिंहपुर - उन्नत विधवा महिला स्वयं सहायता समूह वर्जन:::

महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समूहों से जोड़ा जा रहा है। उन्हें अलग-अलग तरह के रोजगार से जोड़कर स्वावलंबी बनाने का प्रयास लगातार चल रहा है।

-भूपेंद्र सिंह, ब्लाक मिशन प्रबंधक, सिंहपुर


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