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    Amethi Govt Hospital : सरकारी अस्पताल में नहीं हैं डाॅक्टर, प्राइवेट वाले कर रहे मनमानी- मरीज और तीमारदार परेशान

    Updated: Mon, 09 Sep 2024 06:38 PM (IST)

    Amethi Government Hospital सरकारी सुविधा के नाम पर प्रसूताओं को महज लाल पीली गोलियां ही दी जाती हैं। इंजेक्शन लगाने प्रसूताओं से प्रसव बाद अच्छी खासी धन उगाही की जाती है। शिकायत के बाद भी जिम्मेदार इन पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। सीएचसी अधीक्षक डा. सुधीर वर्मा बताते हैं कि यहां स्टाफ न होने की जानकारी उच्च अधिकारियों को है। जब नियुक्ति होगी तभी स्टाफ की पूर्ति होगी

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    डॉक्टर नहीं होने के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

    संवाद सूत्र, बाजारशुकुल, (अमेठी) पिछले एक पखवाड़े से वायरल बुखार से लोग परेशान हैं। ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के लिए चिकित्सक तक नहीं हैं। ऐसे में सामान्य बीमारियों का भी इलाज कराना लोगों के लिए बड़ी चुनौती है।

    50 हजार से अधिक आबादी को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से सत्थिन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हुआ। यहां पिछले दो वर्ष से कोई चिकित्सक नियुक्त नहीं है। फार्मासिस्ट के निधन के बाद यहां पिछले चार माह से किसी फार्मासिस्ट की भी नियुक्ति नहीं है। इससे इतनी बड़ी आबादी को चिकित्सा के लाले पड़े हैं।

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    पीएचसी पर वार्ड ब्वाय तक नियुक्त नहीं है। फिर भी विभाग ग्रामीणों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का दंभ भर रहा है। यहां पर तीन बी फार्मा प्रशिक्षुओं से पूरे अस्पताल का काम लिया जा रहा है। अस्पताल में महज एक एएनएम और एक स्टाफ नर्स ही कार्यरत हैं।

    चलता है प्रसव केंद्र

    सत्थिन पीएचसी पर प्रसव केंद्र बनाया गया है। यहां रात दिन प्रसव होता है। बगैर चिकित्सक के होने वाली डिलेवरी से सदैव जच्चा बच्चा के जीवन को खतरा बना रहता है। सरकारी सुविधा के नाम पर प्रसूताओं को महज लाल, पीली गोलियां ही दी जाती हैं। यहां इंजेक्शन लगाने व प्रसूताओं से प्रसव बाद अच्छी खासी धन उगाही की जाती है। शिकायत के बाद भी जिम्मेदार इन पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं।

    निजी चिकित्सक बने सहायक 

    सरकारी सुविधाओं के अभाव के चलते प्राइवेट डाक्टर क्षेत्र के मरीजों के लिए सहयोगी साबित हो रहे हैं। हालांकि छोटी स्वास्थ्य समस्या होने के बाद भी इन्हें हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं और महीनों इलाज कराना पड़ता है।ग्रामीणों की शिकायत है कि यहां कोई चिकित्सक नियुक्त न होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है।

    राजेश, मोकीम, संतोष, शकील, मतलूब, सोमनाथ, हरीराम, कलीम, मदन, महेश, गुड्डू, सितारा, शकीरून, मोहना आदि ग्रामीणों ने बताया कि वह इस अस्पताल की अव्यवस्था से ऊब गए हैं। कई बार मांग करने के बाद भी सरकार ने यहां चिकित्सक की नियुक्ति नहीं की। सीएचसी अधीक्षक डा. सुधीर वर्मा बताते हैं कि यहां स्टाफ न होने की जानकारी उच्च अधिकारियों को है। जब नियुक्ति होगी, तभी स्टाफ की पूर्ति होगी।

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