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    अमेठी में लाखों रुपये खर्च के बाद भी बंद है अन्नपूर्णा भवन, नहीं हो रहा राशन का वितरण

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 03:57 PM (IST)

    अमेठी में अन्नपूर्णा भवन के निर्माण पर लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी वह बंद है, जिससे गरीबों को राशन नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर निराशा है और उन्होंने सरकार से तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है ताकि गरीबों को राहत मिल सके।

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    लाखों रुपये खर्च के बाद भी बंद है अन्नपूर्णा भवन।

    संवाद सूत्र, बाजारशुकुल (अमेठी)। लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी अन्नपूर्णा भवन में ताला बंद पड़ा है। इस कारण यहां न तो राशन का भंडारण हो रहा है न ही वितरण। इस भवन में राशन वितरण न होने का मुख्य कारण रास्ता का नहीं होना बताया जा रहा है। अधिकारियों की उदासीनता के चलते कोटेदार अपनी निजी दुकान में राशन भंडारण से लेकर वितरण तक करता है।

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    क्षेत्र की गयासपुर ग्राम पंचायत ने राज्य वित्त व मनरेगा के संयुक्त बजट से उक्त भवन का निर्माण सात लाख रुपये खर्च कर कराया गया। लेकिन यह भवन पिछले एक वर्ष से बंद पड़ा सरकारी व्यवस्था की पोल खोल रहा है।

    इस भवन तक वाहन पहुंचने का कोई रास्ता नहीं होने से यहां राशन का वितरण नहीं होता है, क्योंकि सड़क से काफी नीचे भवन बनने से यहां राशन लेकर आने वाले वाहन भवन तक जाने को तैयार नहीं हैं।

    वहीं ग्राम प्रधान व अन्य ग्रामीणों ने यहां रास्ता बनाने की कई बार खंड विकास अधिकारी से मांग की, लेकिन आज तक रास्ते का निर्माण नहीं हुआ। अन्नपूर्णा भवन लाखों खर्च के बाद निष्प्रयोज्य पड़ा हुआ है।

    भूमि पर है अवैध कब्जा

    यह भवन जिस गाटा संख्या में बना हुआ है उसकी बाकी पड़ी भूमि पर गांव के कुछ लोगों ने बल्ली पटरी रखकर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। इस कारण रास्ता बनना कठिन है। यहां राशन भंडारण के लिए दो शटर दार कमरे ग्राम पंचायत ने वित्तीय वर्ष 2024-25 द्वारा निर्माण कराया गया। फिर भी यह बंद पड़ा है।

    रास्ता बनाने की मांग

    ग्राम प्रधान सुनीता यादव, राम चरन, श्याम सुंदर, बृजमोहन, चुन्नीलाल, शहजाद आदि ने अन्नपूर्णा भवन तक आने जाने का रास्ता बनवाए जाने की मांग बीडीओ से की है।

    ग्राम प्रधान को मनरेगा द्वारा रास्ते पर मिट्टी पटाई कराकर रास्ता बनवाने को कहा गया है। यदि अभी तक रास्ता नहीं बना है तो प्रधान से संपर्क कर रास्ता बनवाए जाने को कहा जाएगा। -अंजली सरोज, खंड विकास अधिकारी।