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    अमेठी से जुड़ी हैं चाचा नेहरू की गहरी यादें

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    Updated: Fri, 13 Nov 2015 08:53 PM (IST)

    -किसान आंदोलन के लिए जागृत करने आए थे नेहरू, अमेठी राज परिवार से था गहरा नाता जागरण संवाददाता, अमे ...और पढ़ें

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    -किसान आंदोलन के लिए जागृत करने आए थे नेहरू, अमेठी राज परिवार से था गहरा नाता

    जागरण संवाददाता, अमेठी : अमेठी से चाचा नेहरू की गहरी यादें जुड़ी हुई हैं। आजादी के पहले किसान आदोलन के दौरान नेहरू जी गौरीगंज आए थे। उन्होंने ब्लाक परिसर में किसानों को संबोधित किया था। नेहरू ने किसानों से जमीदारों का मुकाबला करने व उन्नत खेती करने के लिए प्रेरित किया था।

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    नेहरू परिवार व अमेठी राज परिवार के बीच गहरा नाता था। उस समय पं.जवाहर लाल नेहरू के पिता पं.मोतीलाल नेहरू अमेठी राज रियासत के वकील हुआ करते थे। इससे उनका आना जाना यहां बना रहता था। लोग तो यहां तक बताते हैं कि आनंद भवन अमेठी राज रियासत द्वारा ही किसी विशेष केस को जीतने के बाद नेहरू खानदान को तोहफे के रूप में दिया गया था। नेहरू राजनैतिक रूप से पहली बार यहां किसान आंदोलन के दौरान आए। तब रेलवे स्टेशन के पास एक सभा का आयोजन किया गया था। जिसमें कि नेहरू ने किसानों से गन्ने की खेती करने, जमींदारों से मुकाबला करने और आजादी की लड़ाई में प्रतिभाग करने की अपील की थी। उन्होंने उन्नत खेती के गुर भी बताए थे।

    वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश पीयूष बताते हैं कि नेहरू की यात्रा से क्षेत्र में संजीवनी आई थी। लोग आजादी की लड़ाई के लिए प्रेरित हुए। नेहरू खानदान के यहां से जुड़ाव का ही असर रहा कि एक के बाद एक पीढि़यां यहां आती गई। सियासी रूप से अमेठी को गांधी-नेहरू खानदान के वारिसों के चलते एक नई पहचान मिली। परिवार के अधिकांश लोगों के लिए अमेठी सियासत की प्रथम पाठशाला बन गई।