यूपी में समिति का सदस्य और फार्मर आईडी होने पर ही मिलेगा उर्वरक, वरना बाजार से लेनी पड़ेगी खाद
उत्तर प्रदेश में उर्वरक वितरण प्रणाली में बदलाव किया गया है। अब केवल समिति सदस्य और फार्मर आईडी धारक किसानों को ही उर्वरक मिलेगा। अन्यथा, उन्हें बाजार से खाद खरीदनी होगी। यह नियम उर्वरक वितरण को सुव्यवस्थित करने और पात्र किसानों तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए लागू किया गया है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी किसान उर्वरक से वंचित न रहे।

यूपी में समिति का सदस्य और फार्मर आईडी होने पर ही मिलेगा उर्वरक।
संवाद सूत्र, जलालपुर। साधन सहकारी समितियों से उर्वरक लेने के लिए किसानों को अब समिति का सदस्य होना जरूरी है, जो किसान सदस्य नहीं हैं उन्हें अपनी फार्मर आईडी दिखानी पड़ेगी। किसान के पास फार्मर आईडी नहीं है तो समिति से उर्वरक नहीं मिलेगा, उन्हें बाजार से उर्वरक लेना पड़ेगा।
तहसील क्षेत्र में 29 साधन सहकारी समितियां हैं। अब यहां समितियां बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति बी पैक्स हो गई है। समितियाें को समृद्ध बनाने के साथ ही किसानों को समितियां से खाद, बीज ऋण आदि सुविधा देने के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी क्रम में समितियां किसानों को सदस्य के रूप में जोड़ रही हैं।
इस बार भी शासन से समितियाें को लक्ष्य दिया है। सबसे पहले समिति से जुड़े किसानों को ही योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार तहसील में 1,200 किसान सदस्य हैं। किसानों को प्रति हेक्टेयर पांच बोरी डीएपी और सात बोरी यूरिया दी जाएगी, जो किसान समिति सदस्य नहीं है उनको उर्वरक लेने के लिए अपनी फार्मर आईडी दिखानी होगी।
दोनों नहीं होने पर किसानों को निजी क्षेत्र से उर्वरक खरीदना होगा। सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। एडीओ कोआपरेटिव बृजेश कुमार ने बताया कि अधिक से अधिक किसानों को समितियों के सदस्य बनने का आह्वान किया है।
जिससे खाद, बीज ऋण आदि योजनाओं का लाभ उठा सके। गाइडलाइन के अनुसार किसान समिति के सदस्य या उनके पास फार्मर आडी होने पर ही समिति से उर्वरक मिलेगा।
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