अंबेडकर नगर में कुत्तों के आतंक से दहशत में लोग, हर दिन 375 को बना रहे शिकार
अंबेडकरनगर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने वालों की संख्या 350 के पार हो गई है। मरीजों को पर्ची बनवाने और टीका लगवाने में भारी परेशानी हो रही है। सीएचसी पर भी दवा उपलब्ध है लेकिन डॉक्टरों की कमी से समस्या हो रही है। सीएमओ ने सभी सीएचसी पर दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

संवाद सूत्र, अंबेडकरनगर। नगर के मुहल्लों से लेकर गांव की गलियों तक आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है, इसमें बच्चे, महिलाएं एवं वृद्धजन सर्वाधिक हमले का शिकार हो रहे हैं। जिला चिकित्सालय से लेकर सीएचसी तक प्रतिदिन लगाए जा रहे एंटी रैबीज के आंकड़े 350 से 375 तक पहुंच रहे हैं। वहीं, जिला चिकित्सालय में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए पीड़ितों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणांचल में इस समय कुत्तों का आतंक के साथ बंदर, सियार के काटने से घायलों की संख्या तेजी से बढ़ी है। शहर के साथ ग्रामीणांचल तक कुत्तों के काटने से घायल इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। पहले 100-130 तक लगभग टीका प्रतिदिन टीका लगाए जा रहा था। भीड़ बढ़ने पर यह संख्या 150 तक पहुंच जाती थी।
वहीं, अब यह संख्या 350 के पार पहुंच गई है। एंटी रेबीज लगवाने आने वाले पीड़ितों व उनके तीमारदारों को पर्ची बनवाने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। भीड़ से बचने के लिए सुबह नौ बजे से ही घायल अपने तीमारदारों के साथ पहुंच रहे हैं। पहले पंजीयन पर्ची बनाया जाता है।
इसके बाद किसी चिकित्सक से रेबीज के डोज के विवरण लिखने के बाद लंबी कतार में प्रतीक्षा पर इंजेक्शन घायलों को लग पा रहा है। हालांकि अभी 15 दिन का डोज जिला चिकित्सालय के स्टोर में भंडारण है, इसी खपत को देखते हुए चीफ फार्मासिस्ट ने मांग की है।
सीएचसी पर भी पर्याप्त डोज
डिप्टी सीएमओ डा. संजय वर्मा ने बताया कि सभी सीएचसी पर एंटी रैबीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। हर सीएचसी पर प्रतिदिन लगभग 25 डोज की खपत है। कहीं पर यदि समाप्त होती है तो दो से तीन दिन में पहुंचाया जाता है। उक्त दो-तीन दिन में परेशानी बढ़ जाती है।
सीएचसी जलालपुर में 740, सीएचसी रफीगंज में 600, बसखारी में 287, आलापुर में 800, जहांगीरगंज में 763 वायल एंटी रैबीज डोज उपलब्ध हाेने का दावा किया गया।
नहीं मिलते डॉक्टर
जिला चिकित्सालय पहुंचे टांडा के खुशीराम ने बताया कि सीएचसी पर पहुंचने पर बताया गया कि दो घंटे बाद इंजेक्शन लग पाएगा। ऐसे में जिला चिकित्सालय आना पड़ा। बरियावन के सुरेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर निश्चित नहीं रहता है कि एंटी रैबीज लग पाएगा कि नहीं, इसलिए यहां आना पड़ता है। अधिकांश स्थानों पर समय से डाक्टर नहीं मिलते हैं।
सभी सीएचसी पर एंटी रेबीज उपलब्ध कराया गया है। निर्देशित किया गया है कि केंद्र पर जब वायल थोड़ी मात्रा में बचे तभी मांग कर लेना चाहिए। इंजेक्शन फार्मासिस्ट लगा सकते हैं लेकिन डोज का निर्धारण डाक्टर ही करता है। -डॉ. संजय कुमार शैवाल, सीएमओ।
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