सुबह और शाम भीड़, दिन में संयम बरत रहे लोग
कोरोना और कानून की चपेट में आने से सतर्क हुई जनता -मनमाने यातायात पर धीरे-धीरे दिखने लगा अंकुश

अंबेडकरनगर: कोरोना महामारी की पहली लहर में लाकडाउन की पाबंदियों का पालन कर चुकी जनता के लिए दूसरी लहर में कोरोना कर्फ्यू ज्यादा तकलीफदेह नहीं है। बीते साल की दिनचर्या फिर से इसमें मददगार साबित होने लगी है। ऐसे में पुलिस व प्रशासन ने कहीं सख्ती तो कुछ ढिलाई कर रखी है। इससे यातायात में मनमानी देखने को मिल रही है। हालांकि कोरोना और कानून के डर से काफी लोग सतर्क हैं। अब सुबह और शाम जरूरत का समान लेने के लिए लोगों की भीड़ दिखती है। वहीं बीच के वक्त में जिला मुख्यालय से ग्रामीणांचल तक सन्नाटा पसरा रहता है। प्रमुख तिराहों पर बैठी पुलिस निगरानी में लगी है।
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पुलिस काट रही चालान : जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीणांचल तक पुलिस कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों का जमकर चालान काट रही है। मनमानी करने वाले यहां गिड़गिड़ाते नजर आते हैं। फिर गल्ती नहीं करने का वादा करने के बाद भी पुलिस पसीज नहीं रही है। महामारी से बुजुर्गों और बच्चों को खतरा अधिक होने से परिचित होने के बाद भी बाजार में खुलेआम बगैर मास्क तथा शारीरिक दूरी के बुजुर्ग घूमते व बाइक पर सवार मिल रहे हैं। बच्चों को सुरक्षित घरों में रखने के बजाए लोग दुधमुंहे बच्चों तक को बगैर मास्क के ही भीड़भाड़ वाले स्थानों पर लेकर पहुंच रहे हैं।
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अधर में फंसे दिखे यात्री : महानगरों और विभिन्न प्रांतों में कोरोना महामारी से बचाव को लेकर लगी पाबंदी के बाद प्रवासी वापस ट्रेनों और बसों से घर लौट रहे हैं। ये यात्री यहां अधर में लटके नजर आते हैं। कोरोना कर्फ्यू प्रभावी होने से टैक्सी आदि नहीं चल रहे हैं। यात्रियों के कम निकलने से परिवहन निगम ने बसों का संचालन सीमित रखा है। ऐसे में अकबरपुर बस अड्डे पर पहुंचे यात्री फुटपाथ पर बेहाल दिखे। दुकानें बंद होने से गला तर करना भी मुसीबत बना। उधर ई-रिक्शा चालक पाबंदियों को नजरंदाज कर फर्राटा भरते दिखे।
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