सरकारी डॉक्टर को निजी हॉस्पिटल चलाना पड़ा महंगा, सेंटर को सील कर लाइसेंस रद करने के निर्देश
अंबेडकरनगर में स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर के प्राइवेट हॉस्पिटल चलाने और ड्यूटी से गायब रहने के आरोप में एक निजी हॉस्पिटल को सील कर दिया है। डॉक्टर गुलरेज अहमद पर गोंडा में तैनाती के बाद भी आठ साल तक ड्यूटी से नदारद रहने का आरोप है। जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद सीएमओ ने हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द कर दिया है और उसे सील करने की अनुमति दे दी है।

संवाद सूत्र, अंबेडकरनगर। स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर पद पर तैनात रहते हुए प्राइवेट हास्पिटल व अल्ट्रासाउंड का संचालन करना डॉक्टर को महंगा पड़ गया। इस आरोप में जिले में पहली बार निजी हॉस्पिटल को सील करने की अनुमति देते हुए लाइसेंस रद कर दिया गया है।
वहीं, गोंडा जिले में तैनाती मिलने के बाद भी आठ वर्ष तक ड्यूटी से भी नदारद रहने का भी आरोप है, फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है।
मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में हॉस्पिटल, पैथालॉजी एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लाइसेंस नवीनीकरण के दौरान मानक, सुविधा, डाक्टरों की जांच शुरू कर दी गई है। इसी क्रम में टांडा के छज्जापुर में स्थित प्राइवेट हास्पिटल एवं अल्ट्रासाउंड केंद्र साबिरा मेडिकल सेंटर नाम से संचालित है। इसका संचालन डॉ. गुलरेज अहमद द्वारा किया जा रहा था।
लगातार शिकायत, जांच एवं चेतावनी के बाद जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद सीएमओ ने उक्त मेडिकल सेंटर का लाइसेंस रद करने के साथ ही हास्पिटल को सील करने की अनुमति दी है।
आरोप है कि उक्त चिकित्सक अयोध्या के मंडलीय चिकित्सालय में तैनाती रही तो वे वहां पर ड्यूटी के बाद साबिरा मेडिकल सेंटर का भी संचालन कर रहे थे। लेकिन इसी बीच डॉ. गुलरेज अहमद का तबादला 13 जून 2017 को गोंडा जिले में हो गया। इसके बाद लगभग आठ वर्ष तक डॉक्टर गोंडा में कार्य करने पहुंचे ही नहीं।
इन सभी मामलों की जांच करते हुए सीएमओ ने बताया कि जांच में पाया गया कि डा. गुलरेज अहमद द्वारा ही वहां पर अल्ट्रासाउंड किया जा रहा था।
बार-बार नोटिस मिलने के बाद भी वे गोंडा में पदभार ग्रहण नहीं पहुंच सके। इस प्रकरण में जिलाधिकारी ने तत्काल लाइसेंस रद करने एवं मेडिकल सेंटर को सील करने की अनुमति दी है\B।
रद लाइसेंस का नहीं होगा नवीनीकरण
अल्ट्रासाउंड सेंटरों का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। सील होने के बाद सीएमओ कार्यालय का पता चला कि कुछ केंद्र चोरी-छिपे मरीजों की जांच कर रहे हैं। इसके बाद सीएमओ ने सभी को नोटिस जारी कर अल्ट्रासाउंड मशीन कार्यालय में जमा कराने का निर्देश दिया।
लेकिन इसमें दो-चार संचालकों ने भी मशीन जमा कराई है, शेष का संचालन हो रहा है।जानकारी के मुताबिक 31 लाइसेंस में मात्र तीन का नवीनीकरण कर दिया गया है, शेष नया आवेदन व अन्य प्रक्रिया के लिए संचालन सीएमओ कार्यालय का दौड़ लगा रहे हैं।
टांडा नगर में संचालित साबिरा मेडिकल सेंटर का लाइसेंस रद कर दिया गया है, दो-एक दिन में सेंटर को सील कराया जाएगा। सरकारी डाक्टर अब निजी हास्पिटल में चिकित्सीय कार्य नहीं कर सकते हैं, ऐसा मामला मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. संजय कुमार शैवाल, सीएमओ।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।