गन्ने की उतराई मांगने व 12 घंटे के अंदर तौल न करने पर लगेगा जुर्माना : हरिकृष्ण
नकदी फसल के तौर पर गन्ना हमेशा से किसानों के लिए अहम रहा है। ...और पढ़ें

अंबेडकरनगर: नकदी फसल के तौर पर गन्ना हमेशा से किसानों के लिए अहम रहा है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले इस जिले में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती होती है। सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर उन्नत खेती से मुनाफा कमाने तथा इसे बीमारी से बचाने के साथ इसकी देखभाल के बारे में गन्ना विभाग लगातार जानकारी देता रहा है। बुधवार को जिला गन्ना अधिकारी हरिकृष्ण गुप्त दैनिक जागरण कार्यालय में मौजूद रहे और किसानों के सवालों का बखूबी जवाब दिया। उन्होंने पैदावार बढ़ाने, रोगों से बचाव और बोवाई करने की विधि भी बताई।
- गन्ने की पौध है, पर्ची कब आएगी। किसानों को समय पर पर्ची नहीं मिल पा रही है। इसके लिए क्या करें।
राममूर्ति मिश्रा, सिरसा नियाजपुर, तारुन। कैलेंडर देख लें। सातवां पक्ष लगा होगा तो छह से सात दिन में पर्ची मिल जाएगी। कोशिश यही रहे कि पर्ची हायल न हो। मोबाइल पर एप डाउनलोड कर लें और वहां भी स्थितियां देख सकते हैं।
- समय से पर्ची नहीं मिल रही है, इससे खेती का कार्य प्रभावित हो रहा है।
सत्य नारायण उपाध्याय, सकरा दक्षिण भियांव।
कैलेंडर देखिए, चार कार्ट पर एक पर्ची मिलती है। यदि कैलेंडर नहीं है तो मोबाइल एप से ई-गन्ना एप डाउनलोड करें। वहां अपना कोड और चीनी मिल का नाम भरेंगे तो पर्ची संबंधी जानकारी आसानी से मिल जाएगी। बेसिक कोटा कम होने की वजह से भी पर्ची कम निकल पाती है।
- गन्ना का सर्वे आधा पेड़ी और आधा पौध के रूप में कराया गया था, लेकिन पर्चियां इस हिसाब से नहीं मिल पा रही हैं।
हरिश्चंद्र यादव, सैदपुर, रामनगर।
गन्ने की पर्ची में सुधार के लिए अक्टूबर माह में प्रदर्शनी लगाई गई थी, लेकिन उस समय ध्यान नहीं दिया गया, इससे यह समस्या आ रही है। अब मिल चालू हो गई है और कोई भी संशोधन नहीं हो सकता।
- अभी तक एक भी पर्ची नहीं मिल सकी है। पेड़ी गन्ना कैसे बेचें?
रमाकांत द्विवेदी, नन्सा बाजार
कैलेंडर के मुताबिक ही किसानों के पास पर्ची जाएगी। कैलेंडर देखने के लिए सबसे अच्छा उपाय है मोबाइल पर ई-गन्ना एप को डाउनलोड करें। सिगल पर्ची वाले किसानों के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। जल्द ही ऐसे किसानों को सिगल पर्ची मिल जाएगी।
- गन्ना सूख रहा है। इसके बचाव के लिए क्या उपाय करें।
अखिलेश सिंह, सबना तिवारीपुर। दो लीटर ट्राइकोड्रमा रासायनिक घोल को प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। बोवाई के समय बीज को शोधित करें और अच्छी प्रजाति का गन्ना बोएं। इस साल बरसात अधिक होने से यह रोग अधिक फैला। ज्यादा रोगग्रस्त होने पर चीनी मिल क्रय करने से मना कर देती है, क्योंकि ऐसे गन्ने में चीनी नहीं पड़ती। 0238 प्रजाति में लाल सड़न रोग अधिक लगता है।
- गन्ना विभाग से बीज पर अनुदान मिलता है, इसके साथ ही केंद्रों पर घटतौली हो रही है। इसको रोकें।
फतेह बहादुर सिंह, इस्माइलपुर गंज। विभाग के बीज पर किसानों को 50 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अनुदान दिया जाता है। किसान बोवाई के समय अच्छी प्रजाति का चयन करें। महिला समूहों को पौधा तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हालांकि इसकी मांग अभी यहां कम है। सभी केंद्रों पर घटतौली रोकने के लिए इलेक्ट्रानिक कांटा लगाया गया है। - गन्ने का उन्नतिशील बीज कहां मिलेगा और कौन-कौन प्रजातियां बढि़यां हैं।
बब्बन गिरि, इंद्रलोक कालोनी, अकबरपुर। 0118 किस्म बेहतर है। इसके साथ ही 14201, सीयूएस 7282 आदि भी है। गन्ने के बीज के लिए गन्ना परिषद मिझौड़ा में संपर्क कर सकते हैं। - पर्ची नहीं मिल पा रही है, जबकि सभी पेड़ी है।
राम रतन यादव, शिवतारा, रामनगर। यहां पर कोड देखा गया, इसमें आपके गन्ने की फसल पौधा दर्ज है। ऐसे में पर्ची कैलेंडर के हिसाब से ही मोबाइल पर जाएगी। जागरण के सवाल :
गन्ना सर्वे गांव में एक ही स्थान पर बैठकर करने की शिकायतें आती हैं। इससे किसानों का सट्टा प्रभावित होता है।
अब सर्वे के दौरान जीपीएस प्रणाली की मशीन सर्वेयर को दी जाती है। इसलिए एक स्थान से बैठकर सर्वे नहीं हो सकता। उनको खेत के चारों तरफ जाना ही पड़ेगा।
केंद्रों पर घटतौली के साथ किसानों को कई दिन तौल के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। किसी भी गन्ना केंद्र पर 10 से 12 घंटे से अधिक तौल के लिए नहीं रोका जा सकता है। वहीं, पल्लेदारी भी किसानों को नहीं देना है। घटतौली नहीं है, हां स्वेच्छा से कोई दे रहा है तो उस पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।
पौध तैयार करने की क्या विधि है। किसान इसे कैसे प्राप्त करें? महिला समूहों को गन्ने का आंखा देकर पौध तैयार कराया जाता है। इसमें महिला समूहों को घर बैठे रोजगार भी मिल जाता है।

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