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    पत्नी की हत्‍या में दोषी पत‍ि को उम्रकैद, सास-ससुर को सात-सात साल की सजा

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 06:47 PM (IST)

    अंबेडकरनगर में दहेज हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने पति को आजीवन कारावास और सास-ससुर को सात-सात साल की सजा सुनाई है। मामला 2018 का है, जब रामचरन निषाद ने अपनी बेटी शालिनी का विवाह दीप नारायण से किया था। ससुराल वाले दहेज में इनोवा गाड़ी मांग रहे थे और विवाहिता को प्रताड़ित कर रहे थे। 2020 में शालिनी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जिसके बाद पिता ने दहेज हत्या का आरोप लगाया था।

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    संवाद सूत्र, अंबेडकरनगर। जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रोदय कुमार ने विवाहिता की दहेज के लिए हत्या के दोषी पति को आजीवन कारावास एवं सास-ससुर को सात-सात वर्ष की सजा सुनाई। प्रत्येक को 16-16 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न अदा करने पर दोषियों को दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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    हमीरपुर जिले के कोतवाली हमीरपुर के रामचरन निषाद ने बेटी शालिनी निषाद का विवाह वर्ष 2018 में लखनऊ जिले के एलडीए कालोनी टिकैत राय निवासी दीप नारायण के साथ किया था। इब्राहिमपुर के एटीपीसी कालोनी टांडा में रहते थे। शादी में वह दान व उपहार दिया था।

    बेटी के ससुरालीजन इनोवा गाड़ी कि मांग कर रहे थे। शादी के बाद वह ससुराल गई, जहां पर यह लोग दहेज कि मांग को लेकर बराबर प्रताड़ित करते थे। नौ मार्च 2020 को विवाहिता ने फोन से अपनी मां को बताया कि पति दहेज में इनोवा गाड़ी न मिलने से खराब व्यवहार कर रहे हैं और सभी जेवरात छीन लिये हैं। शाम को वह अपनी भाभी को मैसेज की। इसके बाद बाद विवाहिता के पिता के पास फोन पहुंचा कि शालिनी की तबीयत अत्याधिक खराब है, तुरंत आइये।

    पिता एनटीपीसी टांडा के अस्पताल में पहुंचा तो शालिनी की लाश थी, जिसे देखने भी नहीं दिया गया। पिता को विश्वास हुआ कि शालिनी को उसके पति दीप नारायण, ससुर रामहेत, सास पूनम, देवर लव और कुश दहेज में इनोवा गाड़ी न मिलने के कारण योजना के तहत एकराय होकर हत्या कर दिए है।

    विवाहिता के पिता की तहरीर पर पुलिस ने दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया। विवेचना के उपरांत पुलिस ने पति व सास-ससुर के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय पर प्रेषित किया। न्यायालय पर सत्र परीक्षण के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता फ़ौजदारी गोविंद श्रीवास्तव ने गवाहों को न्यायालय पर परीक्षित कराते सजा दिए जाने के पक्ष में तर्क प्रस्तुत किया। सुनवाई के उपरांत न्यायाधीश ने पति, सास व ससुर पर दोष सिद्ध करते हुए कारावास व अर्थदंड कि सजा सुनाई।