चादरपोशी के साथ शुरू हुआ किछौछा का ऐतिहासिक उर्स
अंबेडकरनगर : विश्व प्रसिद्ध सूफी संत सैय्यद मखदूम अशरफ की दरगाह किछौछा शरीफ में चलने वा
अंबेडकरनगर : विश्व प्रसिद्ध सूफी संत सैय्यद मखदूम अशरफ की दरगाह किछौछा शरीफ में चलने वाले आठ दिवसीय उर्स मेले का शुक्रवार को विधिवत शुरूआत हो गया। मलंग एवं पोखराओं के साथ सज्जादानशीन गनीदार शाह मलंग गेट से चल कर बाबा के मजार पर पहुंचकर चादर चढ़ाकर दुआ मांगी। इसके बाद ऐतिहासिक उर्स मेला शुरू हो जाएगा। यहां देश विदेश से जायरीन जियारत के लिए आते हैं।किछौछा दरगाह शरीफ के 632वें उर्स मेले की विधिवत आगाज होने के बाद शुक्रवार को पोखराओं एवं मलंगों के साथ सज्जादानशीन गनीदार शाह मलंग गेट से चलकर आस्थाने पहुंचे। मलंग गेट पर पहुंचने पर सैय्यद मेराजुद्दीन किछौछवी ने फूल माला पहनाकर उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान पोखराओं एवं मलंगाओं ने सूफियाना तराना गाकर मेले में चार चांद लगा दिया। मलंगाओं एवं पोखराओ ने हैरतअंगेज करतब दिखाकर आए हुए जायरीनों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। हैरतअंगेज करतब देखकर लोग आश्चर्य चकित रहे। पोखराओं के साथ गनीदार शाह ने आस्थाने आलिया पहुंचकर चादरपोशी करते हुए विश्व में अमन चैन की दुआ मांगी तथा आए हुए जायरीनों के लिए दुआ की। इंतजामिया कमेटी मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए पूरी तरह सक्रिय है। चादरपोशी रस्म के दौरान सैय्यद मेराजुद्दीन किछौछवी, फिरोज अहमद, जावेद अशरफ, मोहम्मद आलम, मोहम्मद अकरम, मोहम्मद इरफान, मोहम्मद इमरान, रौफ शाह, ताज मोहम्मद, नूर मोहम्मद, निसार अहमद के साथ मलंग वा पोखरा मौजूद रहे। सुरक्षा व्यवस्था म ं थानाध्यक्ष बसखारी बेचू ¨सह यादव, एसआई दिनेश यादव, शिवलाल यादव, रघुनाथ यादव, नवीन ¨सह आदि मुस्तैद रहे। शनिवार को सज्जादानशीन मोइनुद्दीन अशरफ खिरकापोशी की रस्म अदा करेंगे।
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फोटो : 5 एएमबी 24-
-भियांव उर्स में धार्मिक आयोजन की धूम- जलालपुर : हजरत सैय्यद मसऊद हमदानी की भियांव स्थित दरगाह पर आयोजित उर्स के मौके पर धार्मिक आयोजनों की धूम है। प्रदेश ही नहीं देश के कोने-कोने से पहुंचे अकीदतमंद हसरत भरी नजरों से बाबा के तिलिस्म को निहार रहे हैं। परिसर में तिलिस्माती कुएं के पानी को सिर पर डालने की होड़ मची रही। जिससे शैतानियत दूर होती है। वहीं भोर तक बाबा के आस्ताने पर आयोजित जश्न में अजमते औलिया कार्यक्रम में मंजूर अहमद यार अलवी के अध्यात्मिक बयान में दुनियावी ऐश व आराम को ठोकर मार दी। जिससे जायरीन काफी प्रभावित हुए। वहीं जामा के इमाम भियांव गुलाम रब्बानी ने अपने वक्तव्य का अमिट छाप छोड़ी। कार्यक्रम का संचालन कारी अबू सहमा ने किया। उर्स के दूसरे दिन सज्जादा नशीन सैय्यद शमीम अहमद चिश्ती व उसके हमवाओ की मौजूदगी में मजार-ए खास, पूरे गुलाब की खुशबू से तर रही। सिर पर मिट्टी का घड़े लिए जायरीन आकर्षण का केंद्र रहे। पुलिस प्रशासन की मुश्तैदी में चल रहे कार्यक्रम के दौरान आयोजित लंगर में भोजन का भी बंदोबस्त किया गया था।
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