खाद्य विभाग की छापेमारी में दुकानदारों में मची खलबली, 18 माह में 433 नमूने फेल
अंबेडकरनगर में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं। पिछले 18 महीनों में 433 नमूने फेल हुए हैं जिनमें 26 असुरक्षित पाए गए। खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापेमारी कर 912 नमूने लिए जिनमें से 745 फेल हुए। मिलावट और कम गुणवत्ता के कारण एडीएम ने आरोपितों पर 51 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया है। दूध और दूध से बने पदार्थों में सबसे ज्यादा कमियां मिली हैं।

संवाद सूत्र, अंबेडकरनगर। बाजारों में सुरक्षित खाद्य पदार्थों की बिक्री को लेकर प्रयोगशाला परीक्षण ने सवालिया निशान लगा दिया है। विगत 18 माह के बीच 433 नमूने फेल पाए गए हैं। सेहत को लेकर 26 खाद्य पदार्थ असुरक्षित मिले हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम द्वारा 3,806 निरीक्षण संग 832 छापेमारी के दौरान 912 खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए।
इस बीच 745 खाद्य पदार्थों की प्रयोगशाला जांच फेल होने की रिपोर्ट मिली। अधोमानक 388, असुरक्षित 26, मिथ्याछाप 18 तथा नियमों का उल्लंघन करते एक खाद्य पदार्थ पाया गया।
मिलावट, गुणवत्ता में कमी, सेहत को नुकसान पहुंचाने पर 280 मामलों की सुनवाई करते हुए एडीएम ने आरोपितों पर 51 लाख 27 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
दूध संग दुग्ध निर्मित पदार्थों में कमियां सर्वाधिक
दूध व दुग्ध से निर्मित खाद्य पदार्थों में सर्वाधिक कमियां मिली हैं। खास तौर मिलावट तथा गुणवत्ता में कमी के अधिकांश मामले इसी में मिले हैं। दूध, खोआ, पनीर और दूध से बनी हुई मिठाईयों के 103 नमूने प्रयोगशाला जांच में फेल पाए गए हैं।
तैलीय में घी, मस्टर्ड आयल, रिफाइंड आयल, मसाले, अनाज, दाल, बेकरी सामग्री संग नमकीन में मिलावट तथा मानकों की कटौती पकड़ी गई है।
असुरक्षित मिले खाद्य पदार्थ
मिठाईयों की जांच में मानक से अधिक रंग मिलाए जाने से दो नमूने फेल पाए गए। वहीं मसाला में मिलावट तथा अनाज और दाल में घुन व कीड़े आदि पाए जाने की दशा में इसे सेहत के लिए सुरक्षित पाया गया है।
मसाला में तीन, अनाज में चार तथा दाल के दो नमूने असुरक्षित मिले हैं। कचरी आदि के चार नमूने फेल मिले हैं। आरोपितों के खिलाफ सिविल न्यायालय में वाद योजित किया गया है।
\पिछले वर्ष की तुलना में अब कार्रवाई तेज
बीते मार्च तक फेल मिले 526 नमूनों में 284 अधोमानक, 16 असुरक्षित, 14 मिथ्याछाप एवं एक नियमों का उल्लंघन करने समेत कुल 315 का केस दर्ज हुआ था। 102 मामलों की सुनवाई में आरोपितों पर 16 लाख 45 हजार रुपये जुर्माना लगा था।
गत सितंबर तक फेल मिले 219 नमूनों में 104 अधोमानक, 10 असुरक्षित, चार मिथ्याछाप संग कुल 118 का केस दर्ज हुआ। 178 मामलों की सुनवाई में आरोपितों पर 34 लाख 82 हजार रुपये जुर्माना लगा है।
जनमानस के खानपान में सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों पर अर्थदंड लगाने के साथ चेतावनी देते हैं। दोबारा कमियों के मिलने पर लाइसेंस निलंबित एवं जब्त किए जाने की व्यवस्था है। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बनाए रखने में सख्ती जारी रहेगी। -डॉ. सदानंद गुप्त, एडीएम।
बाजार में खाद्य पदार्थों की बिक्री पर नियमित निगरानी की जाती है। संदेह होने पर नमूने लिए जाते हैं। पर्वों पर विशेष निगरानी होती है। शिकायतों पर भी कार्रवाई होती है। दूषित खाद्य पदार्थ नष्ट कराए जाते हैं। -श्रवण कुमार त्रिपाठी, सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय।
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