घाघरा नदी की जलधारा पर बनेगा फ्लोटिंग रेस्टोरेंट, इतने लोगों के बैठने की होगी व्यवस्था
अंबेडकरनगर में घाघरा नदी पर फ्लोटिंग रेस्टोरेंट बनाने का प्रस्ताव है जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लगभग 366.68 लाख रुपये की लागत से बनने वाले इस रेस्टोरेंट में 40 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद पर्यटन की उम्मीदें बढ़ गई हैं जिससे अंबेडकरनगर भी पर्यटन के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने की दिशा में अग्रसर है।

अरविंद सिंह, अंबेडकरनगर। बाढ़ की विभीषिका से आर्थिक चोट पहुंचाने वाली घाघरा नदी जल्द ही आर्थिकी संवारने में अहम किरदार निभाएगी। जिले की आर्थिक रीढ़ घाघरा नदी की जलधारा एनटीपीसी में बिजली उत्पादन व सिंचाई तक सीमित नहीं रहेगी। जिला प्रशासन ने अब पर्यटन में इसकी सहभागिता बढ़ाए जाने की मंशा बनाई है।
पर्यटन विभाग की मदद से टांडा में घाघरा नदी पर फ्लाेटिंग रेस्टोरेंट बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। लगभग 366.68 लाख रुपये से 40 लोगों के बैठने का इस पर इंतजाम होगा। निजी क्षेत्रों से उद्यमियों को भी इसके लिए आमंत्रित किया गया है।
पर्यटन संग संवरेगी आर्थिकी
धर्मनगरी अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य-दिव्य मंदिर बनने के बाद से पर्यटन की उम्मीदों को पंख लगने लगे हैं। पर्यटकों का आवागमन तेज होने से आस-पास के जिलों में पर्यटन विकास होने लगा है। अयोध्या का अभिन्न अंग रहा अंबेडकरनगर भी पर्यटन के जरिए आर्थिकी संवारने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है।
श्रवणधाम, शिवबाबा और दरवन झील समेत धार्मिक स्थलों समेत जलस्रोतों को निखारने में जिला प्रशासन ने ताकत झोंकी है। जनपद के उत्तरी छोर पर टांडा और आलापुर तहसील से होकर गुजरती घाघरा नदी पहले से वरदान है। जिला प्रशासन ने घाघरा नदी को पर्यटन से जोड़ने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज व अयोध्या आदि जनपदों में बने फ्लाेटिंग रेस्टोरेंट की सफलता को देखते हुए जिलाधिकारी ने यह प्रस्ताव तैयार कराया है। इससे पूर्वांचल के जिलों व राज्यों से आवागमन करने वाले पर्यटकों को लुभाने में सफलता मिलेगा।
श्रवणधाम आदि तीर्थों का दर्शन करने के बाद कुछ पल यहां ठहरने और आनंद लेने का स्थान मिलेगा। पर्यटकों संग जनपद वासियों को यहां आने से आर्थिक लाभ मिलेगा। जनपद के लिए फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की यह पहली सुविधा होगी।
जनमानस को मिलेगी आधुनिक सुविधा
आकांक्षात्मक विकासखंड में शामिल टांडा अब पिछड़ेपन की श्रेणी से बाहर निकलने लगा है। अंग्रेजी शासनकाल में गठित हुई जनपद की पहली निकाय टांडा में अब महानगरों की भांति हाइटेक सुविधाओं से लैस फ्लोटिंग रेस्टोरेंट विकास की नई इबारत लिखेगा।
यहां जिले के निवासियों संग पर्यटकों को आनंद व मनोरंजन पाने का अवसर मिलेगा। अभी तक ऐसे हाउसबोट का आनंद लेने के लिए लोगों को महानगरों व गैरप्रांतों में जाना होता है।
सुविधा और संसाधन
भव्य आंतरिक साज-सज्जा संग फ्लोटिंग रेस्टोरेंट पूरी तरह से वातानुकूलित होगा। हैवी ड्यूटी गैंगवे, पानी पर तैरता हुआ प्री-फैब स्ट्रक्चर, एकीकृत सौरऊर्जा से युक्त फ्लोटिंग सोलर फ्लोट माड्यूल होगा। वहीं पूरे रेस्टोरेंट में एलईडी लाइटें, दो तरफा स्वागत लाइट, हैंगिंग लाइट और पंखा, बहुरंगी लाइट होगी।
आपातकालीन 20-25 केवीए जेनसेट में पूर्ण फ्लोटिंग सपोर्ट और मेन से चेंजओवर स्विच होगा। उच्च श्रेणी की आधुनिक पेंट्री एवं विशेष समुद्री एंकरिंग उपकरण और साइट पर एंकरिंग समेत बचाव और यात्री परिवहन के लिए विशेष सपोर्ट बोट भी होंगे। प्री-फैब स्ट्रक्चर की एंकरिंग और नियमित रखरखाव व बचाव बोट होगा। उच्च गुणवत्ता व हैवी ड्यूटी समुद्री डब्ल्यूपीसी फ्लोरिंग होगा।
टांडा में घाघरा नदी पर फ्लोटिंग रेस्टोरेंट बनाने के लिए पर्यटन विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर निर्माण कराकर जनपद वासियों तथा पर्यटकों को महानगरों की भांति अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। -अनुपम शुक्ल, जिलाधिकारी।
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