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    यूपी में हेलमेट-सीटबेल्ट बिना ऑफिस आना पड़ेगा भारी, Absent होंगे मार्क; मुख्य सचिव ने जारी किया सख्त आदेश

    उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सख्त आदेश जारी किया है। अब बिना हेलमेट और सीटबेल्ट लगाए वाहन से आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को अनुपस्थित माना जाएगा। इस आदेश का उद्देश्य आमजन को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना है। अंबेडकरनगर जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कहा कि विभागध्यक्षों को इसके लिए निर्देशित कर दिया गया है।

    By arvind kumar singh Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 08 Oct 2024 05:09 PM (IST)
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    शहजादपुर में बिना हेलमेट के मोबाइल देखते हुए एक हाथ से बाइक चलाता पुलिसकर्मी-जागरण

    अरविंद सिंह, अंबेडकरनगर। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों की अब खैर नहीं है। बिना हेलमेट और सीटबेल्ट लगाए वाहन से आफिस आने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को अनुपस्थित माना जाएगा। आमजन को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाने व नियमों का पालन करने के लिए बाध्य करने से पूर्व अपने अधिकारियों तथा कर्मचारियों से अनुपालन कराना होगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इसका कड़ाई से पालन का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कहा कि विभागध्यक्षों को इसके लिए निर्देशित कर दिया गया है।

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    परिवहन विभाग सड़क पर सुरक्षित यातायात बनाने के लिए 15 दिवसीय सड़क सुरक्षा अभियान चल रहा है। यातायात नियमों का जनता से पालन कराने से पहले नियमों का अनुपालन कराने वालों को स्वयं इसका पालन करना होगा। इसके लिए मुख्य सचिव ने सबसे पहले अधिकारियों तथा कर्मचारियों को स्वयं यातायात नियम का पालन करने के लिए बाध्य किया है।

    सड़क पर यातायात पुलिस के कर्मियों समेत सिविल पुलिस समेत सरकारी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी बिना हेलमेट और सीटबेल्ट लगाए खुलेआम वाहन से सफर करते दिखते हैं। आमजन में मन में सवाल उठता है कि क्या इनके लिए कोई नियम और कानून लागू नहीं होता। जनमानस के इस सवाल को मुख्य सचिव ने भांपते हुए उक्त आदेश दिया है।

    बिना हेलमेट व सीट बेल्ट लगाकर दफ्तर आने वाले कार्मिक गैरहाजिर मान लिए जाएंगे। कार्यालयों में तैनात सुरक्षाकर्मी तथा सीसी कैमरे की मदद से अधिकारियों तथा कर्मचारियों की मनमानी पर नजर रखी जाएगी। सार्वजनिक रूप से सबको सचेत करने एवं कार्यालय परिसर में चेतावनी बोर्ड भी लगाया जाएगा। मनमानी करने वालों को कार्यालय में प्रवेश निषेध करने के साथ अनुपस्थित माना जाएगा।

    स्कूलों में जागरूकता

    स्कूल, कालेजों, विश्वविद्यालयों में बिना लाइसेंस व हेलमेट के प्रवेश करने वाले विद्यार्थियों को रोड सेफ्टी क्लब के जरिए जागरूक किया जाएगा। सड़क दुर्घटनाओं और इसमें होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या में कमी लाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। लोगों को यातायात व सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। धार्मिक आयोजनों के दौरान सड़क पर बढ़ते यातायात को देखते हुए समस्त विभागों द्वारा सड़क सुरक्षा पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा।

    पुख्ता होगी सुरक्षा

    जिलों में सड़क हादसे में तीन या अधिक मौत के मामलों की जांच के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति बनेगी। समिति खतरनाक सड़कों को चिन्हित करेगी। सर्वाधिक दुर्घटना वाले ब्लैक स्पाट चिह्नित किए जाएंगे। यातायात नियमों के उल्लंघन मामले में शत-प्रतिशत चालान किया जाएगा। रोजाना सड़क किनारे अवैध रूप से खड़े वाहनों, खराब वाहनों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने संग लगातार गश्त की जाएगी।

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