छाया घना कोहरा और हाड़कंपाऊ हुई बर्फीली सर्दी
घना कोहरा से सड़क व रेल यातायात बेपटरी रहा। हालांकि दिन चढ़ने के बाद धुंध के छंटने पर राहत मिली। जिले में तापमान अधिकतम 19 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम पांच डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

अंबेडकरनगर : सर्द हवाएं चलने से ठंड नस्तर बनकर चुभने लगी है। मंगलवार शाम से हावी होती धुंध भी रात में घनी हो गई। सुबह भी घना कोहरा छाया रहा। इससे गलन हावी हुई और जनजीवन बेहाल हो गया। दहकते अलाव भी राहत देने में बेदम साबित हो रहे हैं।
वहीं घना कोहरा से सड़क व रेल यातायात बेपटरी रहा। हालांकि दिन चढ़ने के बाद धुंध के छंटने पर राहत मिली। जिले में तापमान अधिकतम 19 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम पांच डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग ने आगामी सप्ताह में तापमान में तेजी से सुधार होने का अनुमान लगाया है।
बुधवार की सुबह भी ठिठुरन भरी रही और घना कोहरा छाया रहा। दोपहर में हल्की धूप निकली। यह भी बेदम रही और कुछ देर बाद ही आसमान पर काले बादल घुमड़ने लगे। एकाएक मौसम के करवट लेने से जनजीवन सहम गया। गलन बढ़ने से खुले में ठहरना कठिन हो गया। बंद कमरों में भी मुसीबत कम नहीं हुई। लोग अलाव, हीटर और रजाई का सहारा लेने को विवश दिखे। वहीं सरकारी कार्यालय में अधिकारी हीटर और ब्लोअर से राहत लेते दिखे। कर्मचारी ठिठुरते हुए कामकाज निपटाने में जुटे थे। कार्यालय की छतों पर कुछ जगह अंगीठी जलती दिखी। कोहरे के एकाएक रात में हावी होने से सफर में निकलने वालों की रफ्तार पर ब्रेक लग गई। हादसे से बचने के लिए चालक बड़े वाहनों के बीच लाइन लगाकर चलते दिखे। गांवों में 50 मीटर तक भी दृश्यता नहीं रही। शहरी इलाकों में भी कोहरा काफी तेज रहा। जिला प्रशासन और निकायों द्वारा अलाव जलवाया जा रहा है। इसके अलावा कंबल वितरण में सरकारी मशीनरी एवं समाजसेवी लगे हैं।
सर्दी ने बढ़ाई बाजार की गर्मी : कड़ाके की सर्दी ने बाजार को गर्म कर दिया है। हालांकि इस बार मौसम की उठापटक से व्यापारियों में नए स्टॉक मंगाने को लेकर उहापोह है। ऐसे में पुराने माल को ही खपाने की कवायद चल रही है। चंद दिनों सर्दी के बाद तेज धूप निकलने से तापमान सामान्य होते ही बाजार ठंडा पड़ जाता है। एकबार फिर से सर्दी तेज होते ही गर्म कपड़े, जूते, हीटर, गीजर, ब्लोअर आदि की बिक्री तेज हुई है।
गेहूं को होगा फायदा : सर्दी के कमजोर पड़ते ही किसानों को गेहूं का उत्पादन कम होने का डर सताने लगा था। फिलहाल दो दिनों से तेज हुई सर्दी ने किसानों की चिता मिटा दी है। इसके अलावा दलहनी और तिलहनी फसलों को भी फायदा होगा। हालांकि बारिश होने पर नुकसान हो सकता है।

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