अंबेडकरनगर में जेल के बाथरूम में कैदी ने गमछे से फांसी लगाकर की आत्महत्या, पिता ने पुलिस पर लगाया आरोप
अंबेडकरनगर जिला कारागार में विचाराधीन ने बाथरूम में गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे कारागार में हड़कंप मच गया। पुलिस ने पहुंचकर जांच करते हु ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, अंबेडकरनगर। जिला कारागार में विचाराधीन ने बाथरूम में गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे कारागार में हड़कंप मच गया। पुलिस ने पहुंचकर जांच करते हुए पूछताछ की। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। शव का पोस्टमार्टम चिकित्सकों की टीम ने वीडियोग्राफी के बीच किया।
भीटी के बेनीपुर गांव के विकास दुबे तथा सुशील तिवारी उर्फ ज्ञानू मित्र थे। गत 22 अक्टूबर तक दोनों बाइक से साथ टहल रहे थे। शाम को दोनों अपने-अपने घर चले गए। शाम करीब सात बजे ज्ञानू ने फोन कर विकास को गांव के बाहर बुलाया। वह अपने घर से करीब सौ मीटर दूर पहुंचा थे कि पहले से खड़े ज्ञानू ने फरसे से ताबड़तोड़ वार कर दिया।
सिर, चेहरे, हाथ, पैर, शरीर में गहरे घाव हुए हैं। शोर करते हुए वह बेहोश हो गया। गांव के लोग दौड़े। खुद को गिरता देख आरोपित अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया था। पुलिस ने पहुंचकर आरोपित के घर दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। ग्रामीणों की मदद से घायल को स्वजन ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
पिता कालिका प्रसाद की तहरीर पर पुलिस ने जानलेवा हमला समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर 11 नवंबर को जेल भेजा था। मंगलवार को करीब सवा चार बजे बाथरूम में गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कोतवाल श्रीनिवास पांडेय ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट होगा।
कारागार प्रशासन पर पिता ने लगाया आरोप
मृतक के पिता सेवानिवृत्त सैनिक अशोक तिवारी ने पुलिस और कारागार प्रशासन की लापरवाही से बच्चे की मौत का आरोप लगाया है। पुलिस पर ही खिला-पिलाकर मारने की आशंका जताई है। फांसी लगाने के लिए मजबूर किया गया। आरोप लगाया कि थाने के दारोगा ने एक लाख रुपये नाम निकालने के नाम पर लिया था। प्रतापगढ़ के एक चिकित्सक की दवा चल रही थी। पांच दिन की दवा एक बार दी गई थी। इसके बाद दोबारा कारागार प्रशासन अपने यहां से दवा दे रहा था। पिता ने बताया कि आज रिहाई होनी थी।
सुरक्षा के बीच घर पहुंचा शव
सुरक्षा व्यवस्था के बीच बंदी का शव बेनीपुर गांव पहुंचा। शव देख महिलाओं का करुण-क्रंदन गूंज उठा। इससे मौके पर मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई। क्षेत्राधिकारी टांडा शुभम कुमार, अकबरपुर नितीश तिवारी, कोतवाल टांडा दीपक सिंह रघुवंशी, अकबरपुर श्रीनिवास पांडेय, अलीगंज भूपेंद्र सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे।
बंदियों के साथ ही रखा गया था। बीमारी की जानकारी अन्य बंदियों को भी थी। दवा बराबर चल रही थी। फांसी लगाकर आत्महत्या किया है। अन्य आरोप गलत है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट हो जाएगा।- आलोक सिंह, जेलर

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