UP News: रेबीज से ग्रस्त गाय और बछिया की मौत, दूध पीने वाले 16 लोग भयभीत… इंजेक्शन लगवाने पहुंचे सीएचसी
अंबेडकरनगर के भियांव में रेबीज संक्रमण से एक गाय और बछिया की मौत हो गई। एक ही गांव के 16 लोग गाय का दूध पीने से संक्रमित होने की आशंका से एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवा चुके हैं। पशुपालक मनोज सिंह की गाय को कुत्ते ने काटा था जिससे रेबीज हुआ।

जागरण संवाददाता, अंबेडकरनगर। भियांव विकास खंड के लवईया गांव रेबीज संक्रमण से ग्रस्त एक गाय और बछिया की मौत हो गई। उक्त गाय के दूध का सेवन करने वाले एक ही गांव के 16 लोग संक्रमित होने को लेकर आशंकित हैं।
संक्रमण से बचाव में सीएचसी पर एंटी रेबीज इंजेक्शन की दो खुराक लगवा चुके हैं। वहीं गांव संक्रमित कुत्ता गांव में खुलेआम घूम रहा है, जिससे पकड़ने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
जलालपुर तहसील क्षेत्र के गांव के पशु पालक मनोज सिंह की गाय को गत जून माह में गांव के आवारा कुत्ते ने काट लिया था। इस बात की जानकारी पशुपालक को नहीं हो सकी। गाय ने एक माह पहले ही बछड़े को जन्म दिया था, जिसके बाद से गाय का दूध उनके घर में इस्तेमाल होने के साथ गांव में ही कुछ लोग खरीदकर ले जाते थे।
पखवाड़ा भर बाद गाय के स्वभाव में बदलाव दिखा। गाय पानी से दूर भागने लगी, मुंह में हमेशा लार बनना व घर के लोगों पर भी हमलावर होने लगी। गोपालक ने निजी पशु चिकित्सक को दिखाया। परीक्षण करने के बाद उन्होंने गाय को रेबीज से संक्रमित होने की पुष्टि किया।
चिकित्सक ने संक्रमण की आशंका में पशुपालक को गाय के पास जाने से मना कर दिया। गाय को रेबीज होने की जानकारी के बाद पशुपालक सकते में आए। हालांकि इस बीच वे गाय के दूध का सेवन करते रहे।
संक्रमण फैलने से आशंकित गोपालक ने घर के सभी सदस्यों के साथ में दूध ले जाने वाले पड़ोसी को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी। गत चार जुलाई गाय की मौत हो गई।
शुक्रवार को रेबीज संक्रमित बछिया की मौत
गांव के ही अमरनाथ शुक्ल की नौ माह की बछिया (गाय का बच्चा) भी रेबीज संक्रमित मिली। शुक्रवार को उसकी भी मौत हो गई है। रेबीज से संक्रमित लगातार दो मौतों के बाद गांव के अन्य पशु पालक भी भयभीत हैं। उन्होंने गांव के सभी पशुओं की जांच कराने की मांग की है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि भियांव के पशु चिकित्साधिकारी डा. राकेश वर्मा को निर्देशित किया गया है। वह पशु पालकों को जागरूक कर रहे हैं। रेबीज संक्रमण का पता सात से 10 दिन बाद ही पता चलता है। फिलहाल अन्य पशुओं की जांच कराई जाएगी।
12 लीटर दूध देती थी गाय
पशुपालक की गाय प्रतिदिन 12 लीटर दूध देती थी, जिसमें छह लीटर दूध घर में सेवन किया जाता था। वहीं छह लीटर दूध में एक लीटर पड़ोसी ओमप्रकाश खरीदते थे, जबकि पांच लीटर गांव निकट डेयरी पर बेचते थे।
इन्होंने लगवाया इंजेक्शन
पशु पालक मनोज सिंह, उनकी माता आरती सिंह, पत्नी क्षमा सिंह, बेटी खुशी के साथ गांव के ओम प्रकाश, तेजस, गौरव, सूफिया, मीरा सिंह, आशा सिंह, आरबी सिंह, विनोद, उमेश व उनकी पत्नी मीरा, संतलाल तथा रामकेश ने भियांव सीएचसी पहुंचकर एंटी रेबीज की दो डोज लगवाई है।
डेयरी संचालक ने भी जानकारी होने पर उसके यहां दूध ले जाने वाले लोगों को इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी है। कई लोगों ने प्राइवेट में इंजेक्शन भी लगवाया है।
सीएचसी प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. उमेश चौहान ने बताया कि रेबीज संक्रमण की आशंका में कुछ लोगों को एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया है।
जिला संक्रामक रोग विशेषज्ञ डा. सुलतान ने बताया कि रेबीज का संक्रमण दूध और खून से नहीं फैलता है। संक्रमित गाय के दूध का सेवन करने वाले लोगों को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।
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