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    सांसद रितेश पांडे ने BSP छोड़ थामा BJP का दामन, कुछ दिन पहले पीएम मोदी संग किया था लंच

    Ambedkar Nagar MP Ritesh Pandey Joins BJP उत्तर प्रदेश की अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से सांसद रितेश पांडे ने रविवार को बसपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के कुछ ही घंटों बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस्तीफे के बाद उन्होंने बसपा पर कई गंभीर आरोप भी लगाए।

    By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 25 Feb 2024 12:55 PM (IST)
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    सांसद रितेश पांडे ने BSP छोड़ थामा भाजपा का दामन, कुछ दिन पहले पीएम मोदी संग किया था लंच

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से सांसद रितेश पांडे ने रविवार को बसपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के कुछ ही घंटों बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस्तीफे के बाद उन्होंने बसपा पर कई गंभीर आरोप भी लगाए।

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    बता दें रितेश पांडे उन 9 सांसदों में शामिल थे, जिन्होंने संसद के बजट सत्र के दौरान संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लंच किया था।

    मायावती को लिखा पत्र

    सांसद रितेश पांडे ने मायावती के नाम एक्स पर पोस्ट कर कहा- ' सार्वजनिक जीवन में बसपा के माध्यम से जब से मैंने प्रवेश किया, आपका मार्गदर्शन मिला, पार्टी पदाधिकारियों का सहयोग मिला तथा पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं ने मुझे हर कदम पर अंगुली पकड़कर राजनीति एवं समाज के गलियारे में चलना सिखाया। पार्टी ने मुझे उत्तर प्रदेश विधानसभा और लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान किया, पार्टी ने मुझे लोकसभा में संसदीय दल के नेता रूप में कार्य का अवसर भी दिया।'

    बसपा पर लगाए गंभीर आरोप

    सांसद ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा- 'लंबे समय से मुझे न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा है और न ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा है। मैंने आपसे तथा शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क के लिए, भेंट के लिए अनगिनत प्रयास किये, लेकिन उनका कोई परिणाम नहीं निकला। इस अंतराल में में अपने क्षेत्र में एवं अन्यत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से निरंतर मिलता-जुलता रहा तथा क्षेत्र के कार्यों में जुटा रहा।

    ऐसे में में इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब आवश्यकता नहीं रही इसलिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने के अलावा मेरे समक्ष कोई विकल्प नहीं है। पार्टी से नाता तोड़ने का यह निर्णय भावनात्मक रूप से एक कठिन निर्णय है।'

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