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    अंबेडकरनगर में पराली जलाने पर 52 किसानों पर लगा जुर्माना, एक पर केस दर्ज

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 06:22 PM (IST)

    अंबेडकरनगर में पराली जलाने वाले 52 किसानों पर जुर्माना लगाया गया है, जिनसे कुल 1 लाख रुपये से अधिक वसूले गए। एक किसान के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। जिला प्रशासन ने पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में किसानों को चेतावनी दी है और उनसे इसका उचित प्रबंधन करने का आग्रह किया है।

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    पराली जलाने पर 52 किसानों पर लगा जुर्माना।

    संवाद सूत्र, अंबेडकरनगर। धान की कटाई लगभग समाप्त हो रहा है और किसान गेहूं की बोआई के लिए समय बचाने के चक्कर को पराली में आग लगा रहे हैं। 23 नवंबर तक पराली जलाने के मामले बढ़ने बढ़े और जिले में 52 किसानों पर अर्थदंड लगा गया है। इसमें कुल दो लाख 85 हजार का अर्थदंड आरोपित किया गया है।

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    साथ ही एक किसान पर मुकदमा भी पंजीकृत करा 55 हजार रुपये की वसूली की गई है। गत वर्ष कुल 128 घटनाएं दर्ज हुई थीं, इसमें 89 पराली जलाने व 39 कूड़ा-करकट जलाने के मामले शामिल थे। किसानों से जुर्माना राशि भी वसूला गया था।

    पराली नहीं जलाएं, पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है, इससे भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण होती है। तमाम स्लोगन के माध्यम से प्रचार-प्रसार व जागरूकता के बाद भी पराली जलाने के मामले थम नहीं रहे हैं।

    कृषि अपशिष्ट एवं पराली के वृहद रूप से जलाए जाने के कारण वायु प्रदूषण बढ़ रहा है और मानव जीवन पर कुप्रभाव पड़ रहा है। इसे सर्वोच्च न्यायालय ने इसे संज्ञान में लिया गया है।

    पराली एवं अन्य कृषि अपशिष्टों के जलाने से पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए जनपद, तहसील व ब्लाक स्तर पर टीम का गठन हुआ है। उक्त टीमों के निर्देशन में निरंतर कृषकों को जागरूक किया जा रहा है।

    उपकृषि निदेशक डॉ. अश्विनी कुमार सिंह ने बताया कि दो एकड़ से कम क्षेत्रफल के लिए पांच हजार रुपये, दो से पांच एकड़ 10 हजार रुपये और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल के लिए 30 हजार रुपये तक पर्यावरण जुर्माना की वसूली के निर्देश हैं।

    बताया कि इस वर्ष अकबरपुर के आठ, आलापुर में 13, जलालपुर में 15, टांडा में 12, भीटी में चार कृषकों पर दो लाख 85 हजार रुपये जुर्माना अधिरोपित हुआ है।

    कहा कि किसान भाई पराली नहीं जलाएं, बल्कि गोशाला पर भेजें। बताया कि किसान वायु प्रदूषण के खिलाफ स्वयं जिम्मेदार बनें और भूमि को खराब होने से बचाएं।