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    चंदन की खेती से आप भी बढ़ा सकते हैं आमदनी, खेती का गुर सीख ये किसान हैं उत्साहित

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Tue, 16 Nov 2021 04:21 PM (IST)

    चंदन की खेती को लेकर प्रतापगढ़ के भदौना गांव में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें विशेषज्ञों से किसानों ने चंदन की खेती का गुरु सीखा। बारीकियां सीखकर किसान काफी उत्साहित हैं। किसानों को उम्मीद है कि अब इस चंदन की खेती से उनकी आमदनी बढ़ जाएगी।

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    प्रतापगढ़ के किसानों का रुझान चंदन की खेती को लेकर बढ़ा है।

    प्रयागराज, जेएनएन। हाईटेक युग में खेती, किसानी का रूप भी बदल गया है। प्रगतिशील खेती कर किसान अपनी आय बढ़ा रहे हैं और दूसरों के लिए आदर्श बन गए हैं। इसी प्रकार अब चंदन की खेती का भी प्रचलन तेजी से बढ़ा है। इसके प्रति किसानों का रुझान भी नजर आ रहा है। इसका नमूना प्रतापगढ़ जनपद में दिख रहा है। यहां के मंगरौरा ब्लाक का भदौना गांव चंदन की खेती से महक रहा है। अब यही चंदन की खेती क्षेत्र के अन्नदाताओं कि आय बढ़ाएगी।

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    चंदन की खेती को लेकर भदौना गांव में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें विशेषज्ञों से किसानों ने चंदन की खेती का गुरु सीखा। बारीकियां सीखकर किसान काफी उत्साहित हैं। किसानों को उम्मीद है कि अब इस चंदन की खेती से उनकी आमदनी बढ़ जाएगी। चंदन की खेती कर रहे भदौना के संतराम पांडेय के बेटे उत्कृष्ट पांडेय ने इसकी खेती के प्रसार के लिए किसान गोष्ठी का आयोजन किया।

    उत्कृष्ट पांडेय सेना में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर तैनात थे। समय से पहले नौकरी छोड़ कर वह चंदन की खेती करने लगे। चंदन की खेती से भदौना गांव तो महक ही रहा है। साथ ही क्षेत्र के किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए इसकी खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। किसान गोष्ठी में स्वदेशी जागरण मंच के काशी प्रांत सह संयोजक सत्येंद्र त्रिपाठी मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने स्वदेशी सामानों को अपनाने की अपील की। जब बाजार जाएंगे स्वदेशी सामान लाएंगे जैसे कई नारे भी लगाए गए।

    गोष्ठी में आए क्षेत्र के तमाम किसानों को चंदन की खेती के बारे में विस्तार से बताया गया। लोगों को समझाया गया कि वह एक एकड़ में 250 चंदन के पौधे लगाकर अपनी आय कई गुना बढ़ा सकते हैं। चंदन का पौधा बगल में लगे दूसरे पौधों की जड़ से पोषक तत्व ग्रहण करता है। इसलिए चंदन के पौधों के साथ-साथ अन्य तरह के पौधे भी लगाने जरूरी होते हैं। जैविक उर्वरक बनाने के लिए दीवानगंज के जयप्रकाश सिंह ने तरीके बताए। फौजदार सिंह ने बताया चंदन की खेती से बिना ज्यादा परिश्रम किए अच्छा फायदा कमाया जा सकता है।