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    Keshav Prasad Maurya: ओबीसी चेहरा, आरएसएस से निकटता व सांगठनिक दक्षता केशव के काम आई

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Sat, 26 Mar 2022 11:15 AM (IST)

    Keshav Prasad Maurya यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में केशव प्रसाद मौर्य भले ही अपनी सीट (कौशांबी के सिराथू सीट) से हार गए फिर भी राजनीति के पंडितों का यही ...और पढ़ें

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    Keshav Prasad Maurya योगी आदित्‍यनाथ मंत्रिमंडल में केशव मौर्य को दोबारा जगह मिलने की कई वजह है।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में दोबारा जगह मिली है। उन्‍हें फिर से उप मुख्‍यमंत्री बनाया गया है। इसकी वजह उनका ओबीसी चेहरा होने के साथ आरएसएस व विहिप से निकटता और सांगठनिक क्षमता में दक्षता माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव के समय उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मामले को उठाकर हलचल पैदा कर दी थी। स्लोगन दिया था कि 'अब मथुरा की तैयारी'। स्टार प्रचारक के तौर पर प्रदेश भर में  रैलियां भी की थी। उसी समय माना जा रहा था कि सरकार में उनकी बड़ी भूमिका रहेगी।

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    केशव का कद वही है जो पहले था

    यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में केशव प्रसाद मौर्य भले ही अपनी सीट (कौशांबी के सिराथू सीट) से हार गए फिर भी राजनीति के पंडितों का यही मानना था कि केशव का कद नहीं घटेगा। शुक्रवार को मुख्‍यमंत्री योगी के मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में यह साबित भी हो गया।

    दोबारा सरकार बनने में केशव मौर्य की बड़ी भूमिका

    संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों का मानना है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार दोबारा बनी है इसमें केशव प्रसाद मौर्य की बड़ी भूमिका है। उन्होंने अपनी विधानसभा में समय न देकर अन्य जगहों पर रैलियां की थी। उन चुनावी सभाओं के सकारात्मक नतीजे भी मिले। इससे पूर्व वर्ष 2017 के चुनाव में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पार्टी कार्यकर्ताओं को बांधने के साथ जातीय समीकरण के अनुसार भी रणनीतिक फैसले लेने में सहयोग दिया था। यही वजह थी कि 2017 में पार्टी ने 300 से अधिक सीट का आंकड़ा पार किया था।

    संगठन में बड़ी जिम्मेदारियों का कर चुके हैं निर्वहन

    पार्टी सूत्रों के अनुसार, केशव प्रसाद मौर्य पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का खास अनुराग रहता है। संगठन में भी सक्रिय रहते हैं। यही वजह है कि मंत्रिमंडल में उनकी भूमिका को नजरंदाज नहीं किया जा सका। शुरू के दिनों में वह विहिप के प्रांत संगठन मंत्री का दायित्व भी निभा चुके हैं। इसके अतिरिक्त किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री भी रहे। बाद में भाजपा काशी प्रांत के अध्यक्ष, रहने के साथ भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के भी सदस्य रहे। इन सब से महत्वपूर्ण उन्हें भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष रहने का भी अनुभव है। अपने कार्यकाल में उन्होंने संगठन को विस्तार देने के साथ पार्टी को जमीनी लोगों से जोडऩे में भी योगदान दिया था।