आखिर कौन है भरवारी वाला? जो माफिया अतीक के लिए करता था लाइजनर का काम; माननीय तक पहुंचाता था मैसेज
कहा जा रहा है कि लाइजनर पर्दे के पीछे रहकर बड़े-बड़े काम करता और करवाता है। वह माफिया और माननीय के बीच सेतु का काम करता है। अब एसटीएफ-पुलिस की टीम उस ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : उमेश पाल हत्याकांड की तफ्तीश में जुटी जांच एजेंसियों ने अपनी छानबीन का दायरा बढ़ा दिया है। शूटरों और माफिया अतीक से जुड़ी हर परत खोली जा रही है। इसी बीच जांच अधिकारियों को चौंकाने वाली जानकारी मिली है। पता चला चला है कि कौशांबी जिले के भरवारी कस्बे में रहने वाला एक शख्स अतीक का लाइजनर है।
वह एक माननीय के लिए मीडिएटर का काम करता है। अतीक अहमद को माननीय से कोई काम होता है तो वह पहले भरवारी वाले शख्स को काल करता है, जिसके बाद अतीक का संदेश माननीय तक पहुंचता है। इसी तरह माननीय भी उसी शख्स के जरिए जेल में बंद अतीक से संपर्क करते हैं। इस बारे में कुछ साक्ष्य भी एसटीएफ को मिले हैं, लेकिन वह कौन शख्स है, उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि माननीय काफी प्रभावशाली हैं, लेकिन कई काम ऐसे होते हैं, जिसके लिए अतीक के प्रभाव का इस्तेमाल करना पड़ता है। रियल एस्टेट से लेकर जमीनी स्तर पर राजनीतिक पकड़ को मजबूत बनाने के लिए भी माफिया का सहारा लेने की बात कही जा रही है। कौशांबी से लेकर प्रयागराज तक अतीक गैंग से जुड़े कई सदस्यों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और उनके लिए कई दफा प्रशासन पर दबाव भी बनाया गया था।
सूत्रों की मानें तो उमेश पाल हत्याकांड के बाद जांच एजेंसियों ने सियासी कनेक्शन की पड़ताल शुरू की तो कई ऐसे अनजान नंबर मिले, जिसके बारे में गैंग के लोग भी नहीं जानते थे। उन मोबाइल नंबरों की जब काल डिटेल रिपोर्ट निकलवाई गई तो भरवारी वाले लाइजनर का पता चला।
कहा जा रहा है कि लाइजनर पर्दे के पीछे रहकर बड़े-बड़े काम करता और करवाता है। वह माफिया और माननीय के बीच सेतु का काम करता है। अब एसटीएफ व पुलिस की टीम उस लाइजनर से जुड़े अन्य लोगों की गतिविधि के आधार पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।

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