बाढ़ प्रभावित इलाकों में सांप-बिच्छू से बचने के लिए क्या करें, पढ़ें खबर और जानें विशेषज्ञों के टिप्स
प्रयागराज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में घरों के बाहर पानी की विभीषिका है और भीतर जलीय जीव जंतुओं के काट लेने का डर है। जिन घरों तक बाढ़ का पानी नहीं ...और पढ़ें

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में गंगा-यमुना के बाढ़ का पानी शहर के कई मोहल्लों में भरा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में घरों में पानी के साथ ही सांप, बिच्छू, केकड़े व अन्य जलीय जीव जंतुओं के काटने का डर है। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि इनसे कैसे बचा जाए। यदि ये जीव काट लें तो क्या करें। 44 अस्पतालों में एएसवी इंजेक्शन मौजूद है। एक घंटे के अंदर लग जाए इंजेक्शन तो जहर नहीं फैलता, जैसी कुछ बातों का ध्यान रखकर इनसे बचा जा सकता है।
सीलन व गंदगी के इलाकों में जहरीले जंतुओं का खतरा : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में घरों के बाहर पानी की विभीषिका है और भीतर जलीय जीव जंतुओं के काट लेने का डर है। जिन घरों तक बाढ़ का पानी नहीं पहुंचा है, वहां सीलन और गंदगी में जहरीले जंतु घुस रहे हैं। सर्पदंश से छह लोगों की मौत हो चुकी है, अस्पतालों में एएसवी (एंटी स्नेक वेनम) इंजेक्शन लगवाने लोग आ भी रहे हैं।
इसे जानें
- 06 लोगों की सर्पदंश से हो चुकी है मौत
- 44 अस्पतालों में हैं एएसवी इंजेक्शन
- 07 दिनों में 18 लोगों ने लगवाए इंजेक्शन
- 01 घंटे के अंदर लग जाए इंजेक्शन तो नहीं फैलता जहर
- 01 इंजेक्शन लगता है, डोज कम या ज्यादा हो सकती है
- 03 तरह के सांप पाए जाते हैं नदी किनारे और खेतों में
- 03 रंगों के सांप अक्सर दिखते हैं सीलन वाले स्थानों पर।
इन बातों का ख्याल रखें
- घर में रोशनी बनाए रखें
- सीलन वाले कमरे में आग जलाएं
- रात में सोने से पहले पूरे घर की निगरानी कर लें
- दीवारों में कहीं छेद हो तो उसे बंद करा दें
- घरों की नालियों को पूरी तरह साफ रखें
- जीव जंतुओं के घुसने की आशंका पर प्रशासन को सूचित करें
- घरों में फर्स्ट एड के सामान जरूर रखें
- वन विभाग, पशुधन, वन विभाग को सूचित करें
- पीड़ित को फौरन अस्पताल पहुंचाएं
- सीलन वाले कमरे में दिन में दो बार सफाई करें
ये सावधानी भी बरतें
- सांप या अन्य जीव शरीर पर डसने वाले स्थान से कुछ दूरी पर कपड़ा या किसी डोर को बांध दें। इससे जहर का असर शरीर में फैलने नहीं पाएगा।
- जिसे जंतु ने काटा है, उसे सोने न दें, उससे लगातार बात करते रहें।
सांप या जहरीले जंतु के काटने वाले स्थान पर चीरा न लगाएं : सांप या अन्य जहरीले जंतु काट लें तो वहां अपने से कोई चीरा न लगाएं। क्योंकि इससे अक्सर अनजाने में दूसरी नसें कट जाती हैं। इससे जहर उन नसों से पूरे शरीर में तेजी से फैलने लगता है।
एसआरएन अस्पताल में इंजेक्शन नहीं : एसआरएन यानी स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में एएसवी इंजक्शन नहीं है। सर्पदंश पीड़ित को यदि इस अस्पताल ले जाना हो तो वहां मेडिसिन इमरजेंसी में इंजेक्शन लग तो जाएंगे लेकिन इंजेक्शन स्वयं खरीदकर ले जाना होगा। यह परेशानी काफी दिनों से है। वर्जन घरों में सांप बिच्छू या अन्य जहरीले जीवों के घुसने का खतरा ज्यादा है। लोग सतर्क रहें। कोई घटना हो तो फौरन पीड़ित को अस्पताल पहुंचाएं। कोई भी खतरा मोल लेने की चूक न करें। अपने घर का समय-समय पर निरीक्षण करते रहें। डा. संजय बरनवाल, प्रभारी अधिकारी आपदा नियंत्रण कक्ष

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