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शादियां टलने से फर्नीचर कारोबार ठप, कोरोना कर्फ्यू के बीच प्रयागराज के गोदामों में डंप हैं करोड़ों रुपये का माल

मई और जून की लगन तेज थी। बिक्री अच्छी होने की उम्मीद में कारोबारियों ने फरवरी-मार्च में फर्नीचर स्टॉक कर लिए थे। डबल बेड सिंगल बेड सोफा सेंटर टेबल ड्रेसिंग टेबल डायनिंग टेबल बनवाकर गोदाम में रख दिए थे। लेकिन महामारी ने व्यापारियों की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

By Ankur TripathiEdited By: Updated: Mon, 24 May 2021 10:13 AM (IST)
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कारोबारियों की फंसी रकम, जिनसे खरीदे थे रॉ मैटेरियल, भुगतान के लिए वह भी डाल रहे दबाव

प्रयागराज, जेएनएन। इस साल गर्मी की लगन तेज होने से फर्नीचर कारोबारियों ने अच्छी बिक्री की उम्मीद में महीनों पहले लाखों रुपये के फर्नीचर तैयार कराकर गोदाम में डंप कर लिए थे। लेकिन, अप्रैल के शुरू में ही कोरोना की दूसरी लहर आ जाने से सारी तैयारी बेकार हो गई। शादी समारोहों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई। इस वजह से तमाम शादी समारोह टाल दिए गए। कोरोना कर्फ्यू लागू होने की वजह से बाजार ही बंद हो गया। इस वजह से फर्नीचर के शोरूम और दुकानों पर ताले लग गए। विवाह समारोहों के टलने और आर्डर निरस्त होने से फर्नीचर गोदाम में ही डंप रह गए। अब उसमें घुन भी लगने लगी है। फर्नीचर कारोबारी लाचार हैं और परेशान हैं।
 
महीनों पहले किया था स्टाक मगर कोरोना ने किया मायूस

मई और जून की लगन तेज थी। बिक्री अच्छी होने की उम्मीद में कारोबारियों ने फरवरी-मार्च में ही फर्नीचर स्टॉक कर लिए थे। डबल बेड, सिंगल बेड, सोफा, सेंटर टेबल, ड्रेसिंग टेबल, डायनिंग टेबल बनवाकर गोदाम में रख दिए गए थे। लेकिन, महामारी ने व्यापारियों की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। फर्नीचर कारोबारी मोहम्मद मेहताब का कहना है कि शादियों के टलने से आर्डर निरस्त हो गए हैं। कोरोना कर्फ्यू की वजह से दुकान भी बंद है। इससे लाखों रुपये फंस गया है। बारिश होने से गोदाम में रखे फर्नीचर भी भीग गए और उसमें घुन भी लग रही है।  लकड़ी, कपड़ा, रैकसीन, फेवीकोल आदि जिनसे खरीदे गए थे, वह भी भुगतान के लिए दबाव बना रहे हैं। मगर, बिक्री न होने से भुगतान भी नहीं हो पा रहा है।

दुकानदारी ठप लेकिन खर्च में नहींं हो सकी कमी
एक फर्नीचर शोरूम के मैनेजर प्रवेश त्रिपाठी का कहना है कि स्थिति बहुत खराब है। एक महीने से शोरूम बंद है लेकिन, शोरूम का किराया, स्टॉफ का वेतन, बिजली का फिक्स चार्ज सब देना है। इतनी पूंजी लगाने के बावजूद दुकानदारी ठप है। न माल बेचा जा पा रहा है और न ही कहीं भेजा जा पा रहा है। वहीं, फर्नीचर कारोबारी प्रतीश श्रीवास्तव का कहना है कि काफी आर्डर निरस्त हो गए। दिक्कतें बहुत ज्यादा हैं और उसका समाधान बेहद कम। फर्नीचर बिक्री का यही सीजन होता है लेकिन शोरूम बंद है। इससे बहुत ज्यादा नुकसान है