Save Water Campaign: कौशांबी में यमुना की गोद में भी तरस रहे पानी के लिए, गर्मी के साथ ही गहरा जल संकट
क्षेत्र डार्कजोन घोषित है। ऐसे में नई बोरिंग भी नहीं हो रही। बड़ी जनसंख्या के लिए पेयजल उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है। इतनी समस्या के बाद भी हम जल संचयन को लेकर नहीं चेते तो आने वाले दिनों में समस्या और भी विकराल होगी।

प्रयागराज, जेएनएन। कौशांबी जनपद में विकास खंड नेवादा के ज्यादातर गांव भले ही यमुना नदी किनारे बसे हैं, लेकिन गर्मी के दिनों में यहां पानी की गंभीर किल्लत से लोगों को जूझना पड़ता है। गांव में लगे ज्यादातर हैंडपंप जवाब दे देते हैं। जंगली पशु पक्षी और चरने के लिए जाने वाले मवेशियों को यमुना नदी से अपनी प्यास बुझानी पड़ती है।
इन सब समस्याओं का सबसे अधिक असर मनुष्य व घर पर बंधे मवेशियों को उठाना पड़ता है। उनको पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। क्षेत्र डार्कजोन घोषित है। ऐसे में नई बोरिंग भी नहीं हो रही। बड़ी जनसंख्या के लिए पेयजल उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है। इतनी समस्या के बाद भी हम जल संचयन को लेकर नहीं चेते तो आने वाले दिनों में समस्या और भी विकराल होगी।
विकास खंड से तीस किमी की दूर स्थित है आधा दर्जन गांव
चायल तहसील के नेवादा विकास खंड के भोपतपुर, जलालपुर भर्ती दो ग्राम पंचायतों समेत उनके मजरे तारापुर व पंसारा गांव से नेवादा ब्लाक 30 किमी की दूरी पर है। दोनों ग्राम पंचायतें यमुना नदी के किनारे बसी हैं। इन गांव में गर्मी के दिनों में पानी की गंभीर समस्या खड़ी हो जाती है जिसके चलते ग्रामीणों को एक किलोमीटर की दूरी तय कर पानी लाने को मजबूर होना पड़ता है। जलालपुर भर्ती के फूलचंद्र, रामचरन, मटरू, श्यामबिहारी, हैदर, सुनील आदि ने बताया कि दोनों ग्राम पंचायतों और मजरों की आबादी करीब दस हजार है। दोनों ही गांव में हैंडपंप की संख्या बेहद कम है। इससे ग्रामीणों के सामने पानी का संकट रहता है।
ज्यादातर हैंडपंप हुए बेकार
जलालपुर भर्ती गांव में चार दर्जन हैंडपंप लगे हैं। इसमें से करीब दो दर्जन हैंडपंप खराब पड़ा हैं। करीब 10 हैंडपंप रिबोर की आस में बंद हैं तो दर्जन भर बोरिंग, पाइप, चैन आदि की तकनीकी खराबी से पानी नहीं दे रहे। बाकी पानी छोड़ रहे हैं। छोटू, संजय, प्रदीप ने बताया कि गांव के प्राथमिक विद्यालय के समीप और दक्षिण और उत्तर दिशा में बसे परिवारों को पानी की अधिक किल्लत से जूझना पड़ता है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने कई बार सचिव से किया, लेकिन उन्हें पानी की समस्या से निजात नहीं मिली है। इसी प्रकार भोपतपुर और पंसारा गांव के लोगों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है।
बेटी की शादी में पानी की समस्या को लेकर चिंतित हैं फूलचंद्र
विकास खंड नेवादा के जलालपुर भर्ती गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय के पास बसे फूलचंद्र पुत्र गनेश प्रसाद ने बताया कि गांव में वैसे तो रास्ते, आवास, शौचालय सहित बहुत ही समस्या है, लेकिन पानी की समस्या लोगों को सबसे ज्यादा खलती है। लोगों को 500 मीटर से एक किलोमीटर की दूरी तय कर पानी लाने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि 22 मई को उनकी बेटी राधा की शादी होनी है। इसमें पानी के प्रबंध को लेकर फूलचंद्र को ङ्क्षचता बनी हुई है।
बोले ग्रामीण
खेतों में काम कर घर लौटने के बाद प्यास लगी तो इधर-उधर भटकने के बाद पानी मिलता है। खेत के कामकाज से थकान समाप्त होने के पहले पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है।
- लवकुश कुमार
गांव में दो दर्जन से अधिक हैंडपंप खराब पड़ा है। पानी के लिए लोगों के निजी सबमर्सिबल के पास इंतजार करना पड़ता है। कभी- कभी तो दो बातें सुनने के बाद ही पानी मिलता है।
- नरेंद्र कुमार
गांव के लोगों को पीने के पानी के लिए गर्मी के दिनों में अधिक समस्या होती है। गर्मी आते ही हैंडपंप पानी देना बंद करने लगते हैं। मई-जून में लोगों को पानी की अधिक किल्लत से जूझना पड़ता है।
- धनेश कुमार
पहले की अपेक्षा गांव की आबादी बढ़ी है, लेकिन ब्लाक डार्क जोन घोषित होने के चलते नया हैंडपंप भी नहीं लग रहा है। गांव के पश्चिम और उत्तर दिशा में बसे लोगों को पीने के पानी की समस्या ज्यादा है। अब भी जल संचयन को नहीं चेते तो बहुत देर हो जाएगी।
- प्रभाकांत

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